हलधर किसान इंदौर। नई सरकार के गठन के बाद अब पूर्णकालिक बजट की तैयारी शुरु हो गई है। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कृषि संगठनों और कृषि अर्थशास्त्रियों के साथ चल रही बैठको के बीच एक बार फिर कीटनाशक और फर्टिलाइजर पर टैक्स हटाने की मांग उठी है।
जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ के जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण दुबे ने बताया कि कृषि आदान विक्रेताओं का सबसे बड़ा संगठन एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन लंबे समय से सरकार के संपर्क में है। एसोसिएशन का मानना है कि कीटनाशक और फर्टिलाइजर खेती. किसानी में महती आवश्यकता वाली सामग्री है, यह जीएसटी के दायरे से बाहर आती है तो निश्चित किसानों को लाभ पहुंचेगा।

खाद, कीटनाशक और मशीनरी आदि पर फिलहाल 18 फीसदी तक जीएसटी लग रहा है। दुबे ने सवाल करते हुए कहा है कि क्या सरकार का किसानों के हित में कृषि उपकरणों को शून्य प्रतिशत जीएसटी श्रेणी में शामिल करने का विचार है? यदि सरकार सचमुच किसानों की आय दोगुना करना चाहती है तो एक बार यह कदम उठाया जाए।
आसान नही होगा सरकार के लिए निर्णय
कीटनाशक और फर्टिलाइजर पर इससे पहले भी टैक्स हटाने की मांग उठी है। जीएसटी की दरों और रियायतों को जीएसटी परिषद की अनुशंसा के आधार पर निर्धारित किया जाता है। परिषद एक संवैधानिक निकाय है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के सदस्य शामिल होते हैं। इस संबंध में जीएसटी की दरों में परिवर्तन किए जाने के लिए जीएसटी परिषद ने अभी कोई भी सिफारिश नहीं की है।
कृषि उपकरणों पर जीएसटी
फलों, अनाजों, सूखी फलीदार सब्जियों या अन्य कृषि उपज की सफई, छंटाई और ग्रेडिंग के लिए आने वाली मशीनों पर सरकार 18 फीसदी जीएसटी लेती है। कीटनाशक की खरीद पर भी 18 फीसदी ही जीएसटी लगता है। श्री दुबे ने मैथी दाना बीज पर 5 फीसदी टैक्स पर भी सवाल उठाया है, श्री दुबे ने कहा कि जब बीज टैक्स मुक्त है तो मैथी दाना पर टैक्स क्यों लिया जा रहा है। सरकार इसे मसालों में शामिल करती है, जबकि यह बीज के रुप में इस्तेमाल किया जाता है, इस पर सरकार ध्यान दें और इसे टैक्स मुक्त करें।
खेती के लिए मिट्टी की तैयारी या जुताई करने के लिए कृषि मशीनरी, हार्वेस्टिंग या थ्रेशिंग मशीनरी, घास काटने की मशीन, यांत्रिक या तापीय उपकरणों से युक्त अंकुरण संयंत्र सहित अन्य कृषि मशीनरी पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है। ट्रैक्टर पर भी जीएसटी लगता है।
फर्टिलाइजर पर जीएसटी 5 फीसदी है, जबकि एग्रो केमिकल पर 18 प्रतिशत यह बात केवल किसानों को परेशान नहीं करती है बल्कि एग्रो एसोसिएशन भी इससे काफी दुखी है। एसोसिएशन का मानना है कि कीटनाशकों पर 18 फीसदी जीएसटी लगने की वजह से ज्यादातर किसान बिल पर खरीद नहीं करते, ऐसे में सरकार को टैक्स का नुकसान होता है और किसानों को नकली पेस्टिसाइड मिलने का खतरा बढ़ जाता है।