हलधर किसान ,हिमाचल प्रदेश। जम्मू-कश्मीरऔर उत्तराखंड में फ्लैश गाला सेब के पौधे और कलमें बेचने पर बेल्जियम की कंपनी ने पाबंदी लगा दी है। इस कंपनी ने कड़ी चेतावनी दी है कि अगर किसी भी तरह से इस सेब के पौधे की गैरकानूनी तरीके से कलमें बेचीं गईं तो कानूनी कार्रवाई होगी। इस संबंध में एबीसी ग्रुप ऑफ बेल्जियम ने हिमाचल प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड समेत सभी राज्यों के लिए सर्कुलर जारी कर दावा किया है कि इसका ट्रेडमार्क केवल उसके पास ही है।
कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से इस सेब के पौधे और कलमें न तो बेच पाएगा और न ही उन्हें नर्सरी में उगा सकेगा।इस कंपनी ने फ्लैश गाला को बिकबक्स ट्रेडमार्क से पंजीकृत किया है। इस संबंध में एबीसी ग्रुप के प्रबंध निदेशक विलेम ब्रॉक्स ने एक पत्र जारी किया है।

इसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के नर्सरी उत्पादकों और कलम विक्रेताओं के ध्यान में भी लाया है। इस कंपनी का कार्यालय बेल्जियम के शहर हैसेल्ट में है। कंपनी ने साफ किया है कि यह सेब के पौधों के विक्रय और कलमों को बेचने के लिए हर क्षेत्र में एक लाइसेंस्ड नर्सरी को काम देती है। भारत में भी केवल लाइसेंसयुक्त नर्सरी ही इसे बेच पाएगी। 2024-25 के सीजन में भी अगर गैरकानूनी तरीके से सेब के पौधे और कलमें बेचीं तो कंपनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।
हिमाचल प्रदेश में कई नर्सरी उत्पादक विदेशों में विभिन्न कंपनियों के ट्रेडमार्क वाले पौधे और उनकी कलमें बेच रहे हैं। इसके लिए नर्सरी और साइनवुड से जुड़े कानूनों की अवहेलना कर रहे हैं। विदेशों में इस तरह का विक्रय करने पर पाबंदी है।
बेल्जियम की कंपनी की ओर से भेजी गई चिट्ठी की अभी मुझे जानकारी नहीं है, मगर अवैध तरीके से और बगैर पंजीकरण के नर्सरियों से पौधे या कलमें बेचने के मामले में सरकार सख्त कार्रवाई रही है। जम्मू-कश्मीर से हिमाचल आए अवैध पौधाें के मामले में भी विभाग ने कार्रवाई की है।
– जगत सिंह नेगी, बागवानी मंत्री, हिमाचल प्रदेशये भी पढ़ें –
- बीज कानून पाठशाला अंक: 17 “नियम 23-A की पालना नहीं” बीज के उपभोक्ता मामले
- इंसान नही गगनयान से मक्खियां पहुंचेंगी अंतरिक्ष
- सुनियोजित रणनीति ओर टीम वर्क से संस्थाएं हुई कंप्युटरीकृत: प्रबंधक धनवाल
- पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर के जल्द सुलझेंगे मुद्दे
- निमाड़ी नस्ल के बैलों की मांग बरकरार, खरीदी में लाखों खर्च कर रहे किसान