हलधर किसान। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। लेकिन, सरकार ने 12वीं किस्त जारी करने से पहले सूची में करीब 1. 86 करोड़ किसानों के नाम काट दिये गए है। अब तक इस योजना का लाभ 10.45 करोड़ से अधिक किसानों को मिला, जो 12वीं किस्त में घटकर 8.58 करोड़ रह जाएगा। यह सूची किसानों के डेटा को ‘क्लीन’ करने के लिए आधार लिंक करने वाला चौथा डिजिटल फिल्टर आजमाने के दौरान सामने आई है। मिली जानकारी अनुसार उत्तर प्रदेश में इस चौथे फिल्टर के चलते 58 लाख किसान कम हो गए, जबकि पंजाब में यह संख्या 17 लाख से घटकर 2 लाख रह गई। 5 राज्य ऐसे हैं, जहां यह संख्या 10-15 लाख घटी है, जबकि इतने ही राज्यों में लाभार्थी बढ़े हैं। दरअसल, कृषि मंत्रालय ने किसानों के डेटा को पारदर्शी बनाने के लिए तीन फिल्टर पहले से लगाए थे। फिर आधार लिंक्ड पेमेंट के रूप में चौथा फिल्टर लगाया तो लाभार्थियों की संख्या घटते गई।
योजना में पारदर्शिता और अपात्रों की पहचान करने के लिए किसानों का ई-केवाईसी लागू कर दिया है और आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए भुगतान किया जा रहा है। किसानों की संख्या कम होते देख केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर गांव-गांव में टीम भेजने को कहा है, ताकि असली हकदार स्कीम से बाहर न हों।
ये 4 संस्थाएं कर रहीं पहचान
पीएफएमएस
यूआईडीएआई
आईटी
एनपीसीआई
किसानों का डेटा राज्य सरकार देती है। पीएम किसान पोर्टल पर लिस्ट अपडेट होती है। ये डेटा पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम पीएफएमएस व आधार नंबर पुष्टि के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यूआईडीएआई को भेजा जा रहा है। डेटा आयकर विभाग भी जांचता है, ताकि उसके दायरे में आने वाले किसानों का पता चले। बैंक खाते का आधार से जुड़ाव तय करने के लिए डेटा नेशनल पेमेंट कार्पो. को भेजा जाता है।
इन्हें नही मिलेगा लाभ
ये किसान निधि योजना के पात्र नहीं माने गए
संवैधानिक पद पर काम कर रहे या कर चुके। पूर्व, मौजूदा मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, पंचायत प्रमुख। केंद्र-राज्य सरकार के मौजूदा या अवकाश प्राप्त कर्मचारी, वे सभी अवकाश प्राप्त पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपए या इससे अधिक है।