हलधर किसान। कृषि एवं वानिकी के संबंध में 7वीं आसियान भारत मंत्रीस्तरीय बैठक (एआईएमएमएएफ) वर्चुअल रूप से आयोजित की गई. इस बैठक में ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के कृषि मंत्रियों ने भी भाग लिया. इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विज़न को दोहराया, जिसमें भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में आसियान को केंद्र बिंदु में रखा गया है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में टिकाऊ एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए कृषि विकास के लिए आसियान के साथ परस्पर घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दिया.बैठक में केंद्रीय मंत्री ने पोषक खाद्य के रूप में मिलेट (पोषक-अनाज) तथा अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष 2023 के महत्व का उल्लेख करते हुए आसियान सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे मिलेट के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं उपभोग को बढ़ाने में भारत के प्रयासों में सहयोग करें. इस दौरन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए पोषक-अनाज के उत्पादों को भारत बढ़ावा देगा. पोषक-अनाज पौष्टिक, कम संसाधन आवश्यकता वाले व अधिक अनुकूल कृषि-खाद्य प्रणालियों के सृजन में सहायक होते हैं।
वहीं, बैठक में, आसियान-भारत सहयोग की मध्यावधि कार्ययोजना (वर्ष 2021-2025) के तहत विभिन्न कार्यक्रमों तथा गतिविधियों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई. बैठक में आसियानभारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का भी स्वागत किया गया. बैठक में, कृषि एवं वानिकी में आसियान-भारत सहयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई.
आसियान के साथ भारत के सहयोग को बढ़ाने में प्रतिबद्धता जताई
साथ ही बैठक में कहा गया कि आसियान और भारत में सुरक्षित तथा पौष्टिक कृषि उत्पादों का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करके कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व असर को समाप्त करने के लिए, महामारी के बाद किए जाने वाले रिकवरी उपायों के कार्यान्वयन हेतु आसियान-भारत सहयोग के तहत निरंतर उपाय करना आवश्यक है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, डिजिटल कृषि, प्रकृति-हितैषी कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, वैल्यू चेन, कृषि विपणन व क्षमता निर्माण में आसियान के साथ भारत के सहयोग को बढ़ाने में प्रतिबद्धता जताई.