हलधर किसान इंदौर (श्रीकृष्णा दुबे)। करीब आने से ही चलता है, शख्सियत का पता। जमीन से तो चाँद, भी छोटा सा दिखता है…!! कुछ ऐसी ही शख्सियत है। कृषि आदान विक्रेता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनमोहन कलंत्री। कलंत्रीजी का आज जन्मदिन है, जिसे केवल संगठन स्तर तक नही बल्कि समूचे कृषि आदान व्यापारियों द्वारा मनाया जा रहा है।

मैं जागरुक कृषि आदान विके्रता संघ जिलाध्यक्ष इंदौर श्रीकृष्ण दुबे गर्व से कह सकता हूं कि यह खुशी श्री कलंत्री के संगठन के प्रति समर्पण भाव, व्यापार हित में लड़ी गई लड़ाई, संघर्षाे के लिए है, जिसे शब्दों में बयां नही किया जा सकता। श्री कलंत्री ने वर्ष 2016 में जब से ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन नई दिल्ली का गठन किया, उन्होंने इसे एक राज्य तक सीमित नही रहने दिया। महज 8 सालों में यह संगठन देश के हर राज्य, हर जिले में सक्रियता से काम कर रहा है और हजारों व्यापारी संगठन से जुड़े होकर कृषि आदान विक्रेता संघ की आवाज, शक्ति बने हुए है। यह सब कलंत्रीजी के संगठन और व्यापारी हित में उठाए गए कदम से संभव हो सका है।
श्री कलंत्रीजी का कहना है कि जीवन में संगठन का बड़ा महत्व है। अकेला मनुष्य शक्तिहीन है, जबकि संगठित होने पर उसमें शक्ति आ जाती है। संगठन की शक्ति से मनुष्य बड़े.बड़े कार्य भी आसानी से कर सकता है। संगठन में ही मनुष्य की सभी समस्याओं का हल है। श्री कलंत्री के व्यापार हित में किए गए प्रयासों को गिनाया नही जा सकता है, उन्होंने कई ऐसे मुद्दे, ज्वलंत समस्याएं शासन तक पहुंचाकर निराकरण कराया है, जिससे बंद होने की कगार पर पहुंच चुका व्यापार फिर जीवंत हो उठा। उन्होंने जो आयाम स्थापित किया है, वह आज भी मील का पत्थर है, जिसका अनुसरण संगठन के पदाधिकारी, सदस्य कर रहे है। संगठन के प्रति निष्ठा, समर्पण भाव रखने वाले श्री कलंत्री जो पून: बधाई, शुभकामनाएं।

श्री कलंत्री के संघर्षो का परिणाम है कि वर्षो से चली आ रही समस्याएं उनकेद्वारा संगठन शक्ति से निराकरण कराए गए है- इनमें से यह उपलब्धियां स्वागत योग्य है:-
- कीटनाशक के लायसेंस आजीवन हो गये है।
- 5 नवम्बर 2015 को जारी गजट के अनुसार उस समय तक जारी सभी पुराने कीटनाशक के लायसेंस जो 4 नवम्बर 2017 तक विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री नहीं होने पर स्वत: ही समाप्त होने वाले थे उस नियम मे 6 वर्षों में 7 बार संशोधन करवाकर सिर्फ 12 दिन का डिप्लोमा कोर्स लागू करवाया इसे करके लायसेंस आजीवन किये गये।
- कीटनाशक मे अथार्टी लेटर जोडऩे के प्रति वर्ष 7500 रुपए की मांग को समाप्त करवाया गया और अथार्टी लेटर जोडऩे की फीस सिर्फ 100 रुपए की गई।
- कीटनाशक के नये लायसेंस के लिये बीएससी की अनिवार्यता के साथ.साथ 48 सप्ताह के देशी डिप्लोमा कोर्स को मान्यता एवं किसी अन्य डिग्री धारी को कर्मचारी के रुप में नियुक्त करने का प्रावधान।
- कीटनाशक लायसेंस बचाने के लिये 48 सप्ताह के डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपए थी लेकिन 12 सप्ताह के कोर्स की फीस सिर्फ 7600 रुपए रखी गई है।
- वर्ष 2000 से 2016 तक शपथ.पत्र के अनुसार प्रत्येक कीटनाशक लायसेंस धारक को 57600 रुपए भुगतान करना था जिसे कोर्ट के माध्यम से समाप्त करवाया गया।
- 12 दिवसीय डिप्लोमा कोर्स के लिये 10वीं की मार्कशीट की अनिवार्यता को समाप्त करवाया गया। एवं अंतिम तिथि को 31 दिसम्बर 2023 तक बढ़ाया गया।
- उर्वरक के नये लायसेंस बनाने के लिये बीएससी की डिग्री या एक वर्ष के डिप्लोमा करने के बजाय सिर्फ 15 दिन का कोर्स करके नये लायसेंस बनाने का गजट जारी।
- थोक उर्वरक विक्रेताओं एवं निर्माताओं के लिये नवीन उर्वरक विक्रय लायसेंस के लिये डिग्री या डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं।
- उर्वरक लायसेंस की अवधि 3 से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई।
- यूरिया पर डीलर मार्जिन को 180 रुपए से बढ़ाकर 354रुपए प्रति टन किया गया। विक्रेताओं को प्रति वर्ष 550 रुपए करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
- पीओएस मशीन को कम्पयूटर से लिंक करने का सॉफ्टवेयर लागू किया गया।
- उर्वरकों के सेम्पल फेल होने पर कम्पनियों पर भी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है।
- बीज लायसेंस में अथार्टी लेटर जोडऩे की आवश्यकता या नियम नहीं है।
- बीज लायसेंस अवधि 3 से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई।
- पेस्टीसाईड मेनेजमेंट बिल के विरोध मे देश एवं प्रदेश के लगभग सभी सांसदों के माध्यम से विक्रेताओं की मांग को केन्द्र सरकार तक पहुँचाया गया।
- प्रदेश संगठन द्वारा लगाई गई आरटीआई के बाद मप्र मे इस वर्ष से पीसी परमानेंट जारी हो रहे है लेकिन कम्पनियों द्वारा 31 दिसम्बर की तारीख लिखी जा रही है।
- ग्लाइफोसेट पर लगाये गए प्रतिबंध पर स्टे लाया गया है।
- उर्वरकों के तीसरे रेफरी सेम्पल फेल होने तक कोई कार्यवाही नहीं की जावे।
- कीटनाशक एवं फर्टिलाईजर के कम्प्यूटर के स्टॉक रजिस्टर को मान्यता प्रदान। ;
- ऑल इंडिया संगठन के पास अनेक कार्य योजना तैयार है जो कि भविष्य में देश के खाद बीज एवं कीटनाशक व्यापारियों के हित में केंद्र सरकार से लड़कर लागू किया जाने हैं।
…. “संकलन”
“संजय कुमार रघुवंशी”
“राष्ट्रीय प्रवक्ता”
ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन नई दिल्ली