हलधर किसान। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की योजना रबी 2022-23 के लिए नियमित दलहन और तिलहन का उत्पादन करने वाले राज्यों के साथ ही मानसून की कमी वाले क्षेत्रों को में भी बीज मिनीकिट करने की है.मानसून की बेरूखी की वजह से खरीफ सीजन की फसलें सूखे का सामना कर रही है. इस वजह से खरीफ सीजन की फसलों के उत्पादन में गिरावट होने का अनुमान है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने रबी सीजन में दलहन और तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने की रूपरेखा तैयार कर ली है. जिसके तहत केंद्र सरकार दलहन और तिलहन फसलों के बीज मिनीकिट किसानों के बीज वितरित करने जा रही है. केंद्र सरकार का अनुमान है कि बेहतर बीजों से फसलों की उत्पादकता को लगभग 20-25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की योजना रबी 2022-23 के लिए नियमित दलहन और तिलहन का उत्पादन करने वाले राज्यों के साथ ही मानसून की कमी वाले क्षेत्रों को में भी बीज मिनीकिट करने की है. मिनीकिट राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी), नेफेड द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से वित्त पोषित हैं.
बीज मिनीकिट योजना का यह है उद्देश्य
केंद्र सरकार ने निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ किसानों को नई उच्च उपज देने वाली किस्मों के बीज वितरण के लिए बड़े पैमाने पर बीज मिनीकिट कार्यक्रम को मंजूरी दी है. मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों के बीच नवीनतम फसल किस्मों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से बीज मिनीकिट का वितरण किया जा रहा है. तो वहीं महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में रेपसीड और सरसों (आर एंड एम) के गैर-पारंपरिक क्षेत्र को कवर करने, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों के लिए मूंगफली के रूप में प्रमुख रबी तिलहन और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अलसी जैसे छोटे तिलहन और महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में कुसुम वितरित करने के लिए बीज मिनीकिट का वितरण किया जाना है.
11 राज्यों में दलहन फसलों के बीजों का वितरण
दलहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2022-23 के दौरान 11 राज्यों के लिए दाल और उड़द के 4.54 लाख बीज मिनीकिट और मसूर के 4.04 लाख बीज मिनीकिट आवंटित किए हैं. विशेष रूप से बारिश की कमी वाले क्षेत्रों में जल्दी बुवाई के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के लिए 1,11,563 किट, झारखंड के लिए 12,500 किट और बिहार के लिए 12,500 किट उपलब्ध कराए गए हैं.
वहीं मंत्रालय ने बताया किसरकार 2022-23 में एक विशेष कार्यक्रम (टीएमयू 370) ‘तूरमसूर उड़द – 370’ भी लागू कर रही है. जिसके माध्यम से देश के 120 जिलों में मसूर और 150 जिलों में उड़द का उत्पादन बढ़ाने की योजना है.