CM भूपेश ने किसानों से लिया योजनाओं का फीडबैक, मंच पर ही कराई अधिकारी से खाते की जांच

हलधर किसान। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को पामगढ़ विधानसभा के ग्राम केरा में गांव वालों से बातचीत की और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उनसे फीडबैक लिया. ग्राम केरा के रहने वाले जवाहरलाल आदित्य ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे 65 डिसमिल में खेती करते हैं. तभी मुख्यमंत्री ने जवाहरलाल से पूछा कि आपको राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि मिली या नहीं ? आपने बैंक में जाकर खाता चेक किया या नहीं? जवाब देते हुए जवाहरलाल ने बताया कि वह 15 दिन पहले ही बैंक गया था पर पता चला कि अभी पैसा नहीं आया है. वहीं, सीएम बघेल ने जवाहरलाल को बताया कि इस बार न्याय योजना की राशि 17 अक्टूबर को ही सबके खाते में दे दी गई है, ताकि लोग दीपावली का त्यौहार खुशी- खुशी मना सकें. सीएम ने जवाहरलाल को कहा है कि अब जाकर अपने खाते की जांच कीजिएगा. इस दौरान गांव के किसानों ने सीएम से बैंक के अधिकारियों द्वारा ठीक से व्यवहार नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की. ऐसे में मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंक के अधिकारी को तलब किया और फटकार लगाई. साथ ही जब किसान के खाते की जांच कराई तो उनके खाते में राजीव गांधी न्याय योजना से पैसा आना पाया गया. ऐसे में मुख्यमंत्री ने उन्हें बैंक जाकर पैसा निकालने की सलाह दी और बैंक अधिकारी को मंच पर बुलाकर कहा कि आप किसान को बुलाकर चाय जरूर पिलाएं. साथ ही उन्होंने किसान से कहा कि बैंक अधिकारी को पहचान लीजिए. वहीं, ग्राम बर्रा के किसान दिलेराम साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसके पास 15 एकड़ खेत है. उसने इस बार 250 क्विंटल धान बेचा है. वहीं, सीएम बघेल ने कहा कि किसानों के लिए बनाई गई योजना से उनको बेहतर लाभ मिल रहा है. इससे उनके चेहरे पर खुशी है.
एपीएल को 10 रुपये किलो चावल दिया जाता है

इसी तरह ग्राम पिरीद के किसान कृष्णा चन्द्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि हम लोगों को रबी सीजन में नहर का पानी सिंचाई के लिए चाहिए. ऐसे में मुख्यमंत्री ने उन्हें अन्य फसल के लिए प्रोत्साहित किया. किसान ने बताया कि उसके पास 7 एकड़ खेत है और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से 15 हजार 500 रुपये की राशि मिली है. 30 हजार रुपये का गोबर भी बेचा है. किसान ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपके द्वारा शुरू की गई योजना का बेहतर लाभ मिल रहा है. उन्होंने खेती की जमीन और योजनाओं का लाभ की वजह से अपना राशनकार्ड नहीं बनाने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि सरकार सभी का राशनकार्ड बना रही है. एपीएल को 10 रुपये किलो चावल दिया जाता है.

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