कम व्यापारियों के बीच कम दामों पर कपास खरीदी से बिफरे किसान, हंगामे के चलते 3 घंटे बंद रही खरीदी

कम व्यापारियों के बीच कम दामों पर कपास खरीदी से बिफरे किसान

तहसीलदार, मंडी सचिव के हस्तक्षेप के बाद दोबारा शुरु हो सकती खरीदी 

हलधर किसान खरगोन। शहर की आनंद नगर स्थित कपास मंडी में बढ़ती आवक के बीच गिरते कपास के भावों के चलते हंगामें की स्थिति बनने लगी है। सोमवार को मंडी में 684 वाहन और 50 बैलगाड़ी से कपास पहुंचा था। निलामी शुरु होते ही कम भाव व गीले, नमी वाले कपास पर व्यापारी और किसान आमने.सामने हो गए। किसानों ने कम संख्या में खरीदी करने पहुंचे व्यापारियों पर मनमाने दाम पर खरीदी का आरोप लगाते हुए नाराजगी दर्ज कराई तो तो व्यापारियों ने कुछ बैलगाडिय़ों के बाद खरीदी बंद कर दी। इससे किसान भड़क गए और उन्होंने हंगामा कर दिया। हंगामें के चलते करीब 3 घंटे खरीदी बंद रही। मामले की सूचना पर पहुंचे प्रभारी तहसीलदार महेंद्र सिंह दांगी, मंडी सचिव शर्मिला निनामा ने व्यापारियों के साथ बैठककर मामले का पटाक्षेप किया। 

किसान रोहित यादव सुरपाला, उज्जवल यादव गोगावां, विरेंद्र पाटीदार मेनगांव आदि ने बताया कि मुहुर्त में 7400 रुपए खरीदी के बाद से दिनोंदिन भाव गिरते जा रहे है। अधिकतम बोली 5500 से 6000 रुपए लगाई जा रही है, जबकि अन्य जिलों में 7 हजार से उपर में कपास की खरीदी हो रही है। वहीं सोमवार को मंडी में महज 6 व्यापारी खरीदी के लिए आए और वह भी गीला व नमी वाला कपास बताकर 4 से 5 हजार रुपए में अच्छा कपास खरीद रहे थे, जिसका विरोध दर्ज कराया। किसानों ने बताया कि रविवार रात हल्की बारिश हुई जबकि उनकी उपज चार दिन पहले ही खेतों से निकाल ली गई थी। वहीं व्यापारियों का कहना है कि कपास गीला है। माल के अनुसार ही दाम मिलेंगे। 

तहसीलदार और मंडी सचिव ने ली बैठक

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दोपहर करीब 1 बजे बंद हुई निलामी शाम 4 बजे शुरु हो सकी। प्रभारी तहसीलदार सहित मंडी सचिव ने हंगामा बढऩे पर व्यापारियों को ताबडतोड़ बुलवाया। उनके साथ बैठककर दोबारा निलामी शुरु कराई।  दोबारा खरीदी शुरु होने पर किसान धीरज यादव ने बताया हंगामे से पहले उनके कपास के दाम 5 हजार रुपए लगाए गए थे, लेकिन दोबारा शुरु हुई बोली में वही कपास 5505 रुपए में खरीदा गया। 

  • तहसीलदार सहित मंडी सचिव ने भी भाव कम मिलने की बात स्वीकारते हुए कहा कि भाव को लेकर किसानों में नाराजगी थी, आसपास की मंडियों से भी जानकारी जुटाई गई है, 400 से 500 रुपए का अंतर पाया गया है, व्यापारियों से चर्चा कर दोबारा खरीदी शुरु कराई है। 

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