एमएसपी की जंगी में हर किसान को सी2 प्लस 50 फार्मूला जानना जरुरी: कक्काजी
फसलों के दाम बढ़ाने सहित किसानों के ज्वलंत मुद्दों पर गरजा राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ
रैली निकाली खेत बचाओं किसान बचाओ का दिया संदेश
हलधर किसान ,खरगोन। पिछले एक सप्ताह से शहर में किसान आंदोलन चल रहे है। भाकिसं, कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा के बाद अब राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने किसानों की मांगों को लेकर हुंकार भरी है। सोमवार को कृषि उपज मंडी में बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए किसानों के बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने किसानों को सी2प्लस 50 फार्मूले को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा एमएसपी की मांग करने वाले किसानों को पहले सी2 प्लस 50 फार्मूले को जानना जरुरी है। हमारे संगठन की मांग इस फार्मूले को लागू करने की रही है लेकिन अधिकतर किसान इसके बारे में नही जानते है। यह फार्मूूला लागू होने पर किसान का सोयाबीन 11 हजार रुपए से अधिक में बिकेगा। उन्होंने कहा वर्तमान में प्रदेशभर में सोयाबीन के भाव बढ़ाने को लेकर आंदोलन चल रहे है लेकिन निमाड़ खासकर खरगोन में मिर्च और कपास का रकबा भी अधिक होता है।

इस फसल के दाम भी मनमानीपूर्वक चल रहे है। आपकी ताकत, आपके दबाव के कारण ही सरकार जल्द कपास की सरकारी खरीदी शुरु करने जा रही है। इसलिए संगठित रहिये। सभा को प्रांतीय अध्यक्ष घनश्याम पटेल, बहादुर सिंह ठाकुर प्रदेश संगठन मंत्री, प्रदेश पदाधिकारी गोपाल पाटीदार, रामेश्वर गुर्जर प्रांतीय महामंत्री, किशोर पाटीदार जिलाध्यक्ष, सीताराम इंगला जिला महामंत्री, नंदराम गुर्जर आदि ने भी संबोधित किया।
अबकी बार कपास 15 हजार पार –
सभा के बाद किसान पैदल, दो पहिया, चार वाहन के साथ ही ट्रेक्टरों पर सवार होकर रैली के रुप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। करीब 3 किमी लंबी इस रैली में किसानों ने अबकी बार कपास 15 हजार पार, अबकी बार सोयाबीन, गेहूं, मक्का, जवार 6 हजार रुपए पार, अबकी बार किसान सम्मान निधि 24 हजार रुपए पार जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर आवाज बुलंद की।
किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हो –
कलेक्टे्रट पहुंचे किसानों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम अलग- अलग मांगों के ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की है कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार द्वारा किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया जाए। किसान आयोग का गठन कर किसान संगठनों के साथ समन्वय समिति का गठन कर डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कि जाए, केंद्र सरकार के द्वारा 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले से डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जाए, दूध, सब्जी व फल एमएसपी के दायरे में लाए जाए जैसी मांगें शामिल है।

पीएम, सीएम और कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन –
प्रधानमंत्री से कोरोना काल में जिस तर उद्योगपतियों के कर्जमाफ किए गए उसी तर्ज पर किसानों के ऋण माफ किए जाएं, आयात निर्यात निति अतिदोषपुर्ण है, इसमें बदलाव हो। सीसीआई खरीदी में 12 प्रतिशत नमी के बजाय 40 प्रतिशत नमी तक खरीदी हो। सभी फसलों के समर्थन मूल्य पर खरीदी 100 प्रतिशत हो। किसानों को बिना कृषि भूमि बंधक किए कृषि ऋण दिया जाए जैसी मांगें शामिल है।
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