भाव बढ़ाओ, भाव बढ़ाओं, गेहूं, मक्का, कपास खरीदी भाव बढ़ाओ

ट्रेक्टर पर सवार होकर कांग्रेस ने मांगा फसलोंं का दाम

ट्रेक्टर पर सवार होकर कांग्रेस ने मांगा फसलोंं का दाम, न्याय यात्रा में सैंकड़ों टे्रक्टर हुए शामिल

हलधर किसान खरगोन। भाव बढ़ाओ, भाव बढ़ाओं, गेहूं, धान, कपास खरीदी भाव बढ़ाओ…। प्रदेश में गेहूं के 2700, धान 3100, कपास 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल खरीदी भाव तय करने की मांग को लेकर शहर में कांग्रेस ने प्रभावी ट्रेक्टर रैली निकाली। डायवर्सन रोड़ से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई, ट्रैक्टर रैली का आकर्षण समूचे शहर में देखने को मिला। रैली राधावल्लभ, एमजी रोड़, बस स्टेंड, जवाहर मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, रैली में करीब 200 से अधिक ट्रेक्टर शामिल होने से रैली जिस- जिस मार्ग से गुजरी जाम की स्थिति निर्मित हो गई।  करीब एक घंटा रैली प्रमुख मार्गो पर निकाली गई।  

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कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद नवग्रह मंदिर के सामने सांकेतिक सभा हुई। इसमें जिलाध्यक्ष रवि नाईक, विधायक झुमा सोलंकी, केदार डावर, पूर्व विधायक रवि जोशी, विजयलक्ष्मी साधौ आदि ने कहा कि किसान दिनरात मेहनत कर फसल उगाते हैं लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि वह खुद अपनी उपज का दाम तय नही कर पाते। वर्तमान में पूरे जिले में सोयाबीन, कपास समर्थन मूल्य से कम भाव में खरीदा जा रहा है।

हालात यह है कि सरकार ने जो सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए तय किया है तो बाजार में 3 हजार रुपए में खरीदी की जा रही है, कपास भी मुहुर्त में 7400 रुपए में खरीदा तो वही दूसरे दिन भाव 3 से 5 हजार रुपए के बीच पहुंच गए। जिस दाम में उपज खरीदी जा रही इससे ज्यादा किसानों इसमें खर्चा आता है। पिछले कई सालों में महंगाई बढ़ी है, लेकिन 2012 में जो सोयाबीन का भाव था आज 2024 में भी सोयाबीन वही भाव बिक रही है। वर्तमान में सोयाबीन की फसल आने वाली है। ऐसे में आवक बढऩे पर सोयाबीन के भाव और कम हो जाएंगे। इससे किसानों को अपनी लागत भी निकलना मुश्किल हो रहा है। सरकार को चाहिए की सोयाबीन की एमएसपी 6000 रूपए, कपास 10 हजार और धान 3100 रुपए तय किया जाए,  ताकि किसानों  को इसका लाभ मिल सके। 

राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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सभा के कांग्रेस के विधायक, पूर्व विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां फसलों के दाम बढ़ाने के साथ ही मक्का फसलों में अफलन के चलते सैंकड़ो हेक्टेयर रकबे में खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलाने, मक्का, मिर्च सहित अन्य फसलों पर एमएसपी लागू करने, कृषि उपकरणों पर टैक्स समाप्त करने, फसल बीमा योजना की विसंगति दूर करने जैसी मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। 

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