5000 किसानों को संस्थान में प्रशिक्षण दिया जायेगा: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
हलधर किसान रांची / राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 20 सितंबर को झारखंड के रांची में आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्चतर कृषि संस्थान (एनआईएसए) के शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि खेती को लाभप्रद बनाने के अलावा 21वीं सदी में कृषि के समक्ष तीन अन्य बड़ी चुनौतियां हैं। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, संसाधनों का सतत उपयोग और जलवायु परिवर्तन। उन्होंने कहा कि द्वितीयक कृषि से जुड़ी गतिविधियां इन चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकती हैं। द्वितीयक कृषि में प्राथमिक कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, कृषि पर्यटन आदि जैसी कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि द्वितीयक कृषि गतिविधियों के माध्यम से कृषि अपशिष्ट का समुचित उपयोग किया जा सकता है। उन्हें प्रसंस्कृत करके उपयोगी और मूल्यवान चीजें बनाई जा सकती हैं। इस तरह पर्यावरण की रक्षा होगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है। यह उनकी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि राष्ट्रीय उच्चतर कृषि संस्थान ने लाख, प्राकृतिक रेजिन और गोंद के अनुसंधान और विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज हम सबके बीच राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मौजूद हैं जिनका झारखंड से विशेष लगाव रहा है। जब वह राज्यपाल थीं तब भी वह जनता के कल्याण के लिए बहुत काम करती रही हैं। लाख यानि लाह का इतिहास भारत के बराबर ही पुराना है। महाभारत में लाक्षगृह का ज़िक्र है वह भी लाख से ही बना था। तब से लेकर आज तक लाख की खेती होती आ रही है। आज के समय में लाख का बहुत महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है।

किसानों की आमदनी बढ़े, उसके लिए खेतों में उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान की भरपाई करना, खेती का विविधिकरण करना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर इसका प्रयत्न करेंगे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी तय किया जाये। जितनी लागत आती है उतना कम से कम 50 प्रतिशत फायदा जोड़कर ही लाख की लागत तय हो ताकि किसानों को ज़्यादा पैसा मिल सके। उन्होंने कहा कि यहां अभी 1500 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस साल से यहां 1500 नहीं बल्कि 5000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा जाकि प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान ज़्यादा लाभ कमा सकें।

उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि रांची को कृषि शिक्षा, अनुसंधान शोध में देश का प्रमुख केंद्र बनाया जायेगा। कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि पहले जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा लगा था फिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जय अनुसंधान का नारा लगाकर देश को विकसित राष्ट्र बनाने को जो सपना संजोय था वह आज परिलक्षित होता दिख रहा है। इस देश का अन्नदाता 145 करोड़ जनता का ही पेट नहीं भरता है बल्कि हर क्षेत्र में इस देश का अन्नदाता रात-दिन मेहनत करता है। जब अन्नदाता के घर में खुशहाली आती है तो सिर्फ घर ही विकसित नहीं होता बल्कि देश विकसित होता है। किसी भी फसल की खेती करने वाले किसान को जब तक बिचौलियों से नहीं बचाया जायेगा तब तक किसान समृद्व नहीं हो सकता है। इस देश का किसान जब समृद्व होगा तभी देश विकसित राष्ट्र बन सकता है। झारखंड, छतीसगढ़ और ओड़िशा के कई आदिवासी समुदायों के लिए लाख की खेती आय का प्रमुख श्रोत है।
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