हलधर किसान। पश्चिम रिंग रोड बनाने के लिए इंदौर जिले में किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया का विरोध तेज हो गया है। किसानों ने रोड का सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों को खेतों से बेरंग लौटाते हुए की मांग है कि बाजार भाव से दोगुना मुआवजा दिया जाए।
वहीं अब किसानों ने इस मामले को लेकर आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में भी जुट गए है। इसी को लेकर 26 दिसंबर को इंदौर के सेमलिया चाऊ में महापंचायत का आह्वान किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा पश्चिम रिंग रोड का निर्माण कराया जा रहा है।
सड़क निर्माण से पहले सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों को किसानों ने एकत्रित होकर वापस लौटा दिया। किसान नेता हंसराज मंडलोई का कहना है कि एनएचएआइ के अधिकारी बगैर सूचना के दल के साथ किसानों के खेताें में मार्किंग के लिए पहुंचे, तो किसानों ने सभी को लौटा दिया।
करीब एक दर्जन गांवाें के किसानों ने एकत्रित होकर विरोध किया। किसानों का कहना है कि अधिकारी बिना सूचना के खेतों में निशान लगा रहे थे, इसलिए सर्वे करने से रोका गया है। इसमें इंदौर, देवास जिले के प्रभावित किसान शामिल होंगे।
इंदौर-बुधनी रेल लाइन का भी विरोध
इंदौर से बुधनी के बीच 198 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाना है। इसमें तीन जिलों इंदौर, देवास, सिहोर की जमीन आ रही है। इंदौर जिले में 123 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी।
इसकों लेकर भी इंदौर और देवास जिले के किसाना विरोध कर रहे है। यहां भी किसानों को बाजार भाव की अपेक्षा मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।