आज अंडमान और निकोबार द्वीप पर होगा निवेशक सम्मेलन 

आज अंडमान और निकोबार द्वीप पर होगा निवेशक सम्मेलन

मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर क्षेत्र में निवेश के अवसरों को तलाशने होगा ऐतिहासिक आयोजन 

हलधर किसान. नई दिल्ली (मतस्योद्योग)। अंडमान और निकोबार द्वीप पर रोजगार के अवसर तलाशने के उद्देश्य से 14 नवंबर को निवेशक सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।  इस महते आयोजन में टूना और समुद्री शैवाल से संबंधित प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता रखने वाले लगभग साठ निवेशक शामिल होंगे। 

द्वीप समूह के मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर क्षेत्र में निवेश का अवसर तलाशने के लिए मत्स्य पालन विभाग  द्वारा ताज एक्सोटिका, स्वराज द्वीपए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उक्त आयोजन होगा। किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ  ललन सिंह, मत्स्य पालनए पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेलए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित होंगे। मत्स्य पालन विभाग, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक आदि भी भाग लेंगे।  

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह मत्स्य पालन विकास के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता हैं, जिसमें लगभग 6.0 लाख वर्ग किलोमीटर का विशेष आर्थिक क्षेत्र  है, जो कम.उपयोग वाले समुद्री संसाधनों, विशेष रूप से टूना और टूना जैसी उच्च मूल्य वाली प्रजातियों से समृद्ध है, जिनकी अनुमानित मात्रा 60,000 मीट्रिक टन है। दक्षिण.पूर्व एशियाई देशों से उनकी निकटता कुशल समुद्री और हवाई व्यापार को सक्षम बनाती है। यह क्षेत्र प्रभावी प्रशासनिक उपायों के साथए आर्थिक विकास के लिए अपने समुद्री संसाधनों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में निवेशकों की बैठक.2024 ज्ञान के आदान.प्रदान, नेटवर्किंग और व्यापार अन्वेषण के लिए एक मंच प्रदान करती है, जिसमें मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर में सतत विकास के लिए सार्वजनिक.निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सत्र होते हैं। इससे कार्यक्रम में प्रमुख प्रस्तुतियां, बी2बी और बी2जी संवाद और रणनीति योजना शामिल है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास और नवाचार में निवेश को बढ़ावा देना है। संवादात्मक सत्रों में सर्वोत्तम उपायों पर प्रकाश डाला जाएगाए निजी क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान किया जाएगाए तथा इस क्षेत्र में नए व्यावसायिक अवसरों और व्यापार तालमेल का पता लगाने के लिए दक्षिण.पूर्व एशियाई नेटवर्किंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावाए इस कार्यक्रम में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टूना क्लस्टर के विकास के लिए वीडियो का लॉन्च भी किया जाएगा।

सनराइज सेक्टर के रुप में पहचाना जाता है मतत्य पालन

सनराइज सैक्टर के रूप में पहचाना जाने वाला मत्स्य पालन क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख संचालक है। राष्ट्रीय आय, निर्यात और खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ग्रामीण क्षेत्रों को लाभान्वित करता है। पिछले एक दशक में, 2015 से भारत सरकार ने 38,572 करोड़ रुपए के अभूतपूर्व निवेश के साथ पीएमएमएसवाई, एफआईडीएफ और नीली क्रांति जैसी प्रमुख पहलों के माध्यम से इस क्षेत्र के परिवर्तन का नेतृत्व किया है।

भारत ने 2023.24 के दौरान 60,523.89 करोड़ रुपए मूल्य के 17.81 लाख टन समुद्री खाद्य निर्यात किए। वित्त वर्ष 2013.14 के बाद से भारत का समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना से भी अधिक हो गया है। वैश्विक बाजारों में महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इसमें 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय समुद्री खाद्य 129 देशों को निर्यात किया जाता हैए जिसमें सबसे बड़ा विदेशी बाजार अमेरिका है। इसके परिणामस्वरूप समुद्री खाद्य निर्यात में जबरदस्त प्रगति हुई हैए जो पिछले 10 वर्षों में 14 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ा है।

मत्स्य पालन विभाग ने 2024.25 तक मत्स्य निर्यात को 1 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की परिकल्पना की है। यह पहल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *