कपास की उच्च सघन पद्धति के साथ होगा नए इतिहास का आगाज

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कपास की उन्नत उत्पादन तकनीक पर कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं को दिया प्रशिक्षण

हलधर किसान (कृषि)। खरगोन के कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में जिले के ग्रामीण कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं का “कपास की उन्नत उत्पादन तकनीक” विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. जीएस कुलमी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा, महत्व एवं आवश्यकता के बारे में सविस्तार अतिथिओं एवं प्रतिभागियों को अवगत कराया। वहीं कृषि ॅॅॅॅउपसंचालक एम एल चौहान ने कहा कि वर्त्तमान में कपास की खेती का कार्य किसानों के यहाँ काफी तीव्र गति से चल रहा है। ऐसे में यह प्रशिक्षण सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के लिए लाभप्रद होगा और इसका उपयोग किसानों के बीच सभी विस्तार अधिकारी करे। जिससे किसान इसका लाभ प्राप्त कर सके। कार्यक्रम में डॉ. कुलमी ने कपास की नवीनतम तकनीको जैसे उच्च सघनता प्लांटिंग पद्धति, गुलाबी इल्ली के लिए एसपीएलएटी तकनीक के उपयोग के बारे में बताया गया। वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने समस्त प्रतिभागिओं के समक्ष पीपीटी के माध्यम से “कपास में कीट एवं रोग प्रबंधन” विषय पर सविस्तार प्रशिक्षण प्रदान करते हुए उनका ज्ञानवर्धन किया। वरिष्ठ तकनीकी सहायक संतोष पटेल ने “कपास की उत्पादन तकनीक” विषय पर पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार त्यागी, तकनीकी अधिकारी विनोद मित्तोलिया, तकनीकी सहायक संतोष पटेल के अतिरिक्त कृषि विभाग के सहायक संचालक पियूष सोलंकी, प्रकाश ठाकुर, दीपक मालवीय सहित कुल 30 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।

नागपुर से बुलवाई कपास की तीन वेरायटी

खरगोन सफेद सोने के उत्पादन में पहले ही अपनी पहचान बनाएँ हुए है। अब इस दिशा में खरगोन आगे की ओर कदम बढ़ा रहा है। राष्ट्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर से कपास की तीन ऐसी वैराटियाँ मंगवाई गई है जो सघन पद्धति के लिए उपयुक्त है। ज्ञात हो कि गत वर्ष गोगावां फॉर्मर प्रोड्यूसर ने इसका सफल प्रयोग किया है। अब कृषि विभाग ने भी किसानों के खेतों में सघन पद्धति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कपास अनुसंधान केंद्र नागपुर से संपर्क कर वैरायटियों की मांग की थी। कृषि उपसंचालक एमएल चौहान ने बताया कि विभाग को सूरज बीटी (बीएस), रजत बीटी(बीएस) और पिकेवी 081 बीटी (बीएस) और दो अन्य किस्म प्राप्त हुई है। 6 क्विंटल 93 किलो. के साथ खरगोन में एक नए इतिहास की शुरुआत करने जा रहे है। इसके लिए किसानों से विभाग का अमला चर्चा कर प्रेरित करेगा। किसानों को वैराटियों और उत्पादन क्षमता से अवगत करा कर उनकी सहमति से खेतों में प्रदर्शन लगाएंगे।

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