छत्‍तीसगढ़ में 108 लाख टन से अधिक की धान खरीदी, सरकार ने बताया रिकॉर्ड खरीदी

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हलधर किसान। छतीसगढ़ राज्य सरकार ने धान खरीदी का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस वर्ष 108 लाख टन से अधिक धान की खरीदी हुई है। धान खरीदी के अंतिम दिन तय लक्ष्य भी लगभग पूरा हो गया। टोकन कटाने वाले किसानों के धान की तौलाई अभी चलेगी। अधिकारियों के अनुसार, अंतिम आंकड़े आते तक इस वर्ष के तय 110 लाख टन का लक्ष्य भी पार हो जाएगा। कांग्रेस इसे ऐतिहासिक आंकड़ा बता रही है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 2640 रुपये एवं 2660 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी की। कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि धान की इतनी कीमत किसी भाजपा शासित राज्य में किसानों को नहीं मिल रही है। भूपेश बघेल की सरकार ने अपने पिछले खरीफ वर्ष में खरीदी की गई धान के रिकार्ड को तोड़कर चालू खरीफ वर्ष में 108 लाख टन से अधिक धान की खरीदी कर चुकी है। प्रदेश के पंजीकृत सभी किसान अपना धान बेच चुके हैं। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू से ही एक चुनौती रही है। बीते चार सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस चुनौती तमाम तरह की परेशानियों, केंद्र के अड़ियल रवैये, बारदाने की आपूर्ति में व्यवधान के बावजूद भी अपने बलबूते पूरा किया है। मंत्री ने कहा धान की बिना किसी व्यवधान के खरीदी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।धान बेचने के लिए 24 लाख 96 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इसमें से 22 लाख 48 हजार किसानों ने धान बेचा है। इसके एवज में किसानों को 20 हजार 375 करोड़ रुपए का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है। मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से इन चार वर्षों में लगातार किसानों की पंजीयन में वृद्धि हुई है।
इस वर्ष 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें 2.30 लाख नए किसान हैं। राज्य सरकार द्वारा इस सीजन में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान लगाया गया है। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस साल राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिसके कारण कुल उपार्जन केंद्रों की संख्या 2617 हो गई। प्रदेश में धान खरीदी अभी 31 जनवरी तक जारी रहनी है। तब तक 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी संभावित है। सीजन की खरीदी शुरू होने से पहले विभाग ने इतना धान आने का अनुमान लगाया था।
पिछले वर्ष 98 लाख टन हुई थी खरीदी
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा शासन काल में छत्तीसगढ में अधिकतम 62 लाख टन तक ही धान की खरीदी हुई थी। राज्य में जबसे कांग्रेस की सरकार आई है, प्रदेश में धान की खरीदी का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। पिछली बार 98 लाख टन धान की खरीदी की गई थी। इस बार यह रिकार्ड टूट गया है। न केवल मात्रा, बल्कि किसानों की संख्या भी बढ़ी है। धान की खेती का रकबा 30 लाख 10 हार 880 हेक्टेयर हो गया है।
2017-18 में तो 56 लाख मीट्रिक टन ही खरीदी हुई थी
मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने से ठीक पहले यानी खरीफ सीजन 2017-18 में 56 लाख 88 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। उस साल किसानों को 10 हजार 596 करोड़ 49 लाख रुपए का भुगतान हुआ था। वर्ष 2018-2019 में लगभग 80 लाख 37 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी कर 14 हजार 15 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। उसके बाद प्रति क्विंटल धान के मान से 750 रुपए बोनस देते हुए 20 हजार 92 करोड़ 32 लाख रुपए का भुगतान किया। वर्ष 2019-2020 में लगभग 83 लाख 94 हजार टन धान खरीदी कर 15 हजार 286 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य और 5 हजार 628 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई। वर्ष 2020-2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर 17 हजार 241 करोड़ रुपए का समर्थन मूल्य और 5हजार 553 करोड़ रुपए इनपुट सब्सिडी मिलाकर कुल 22 हजार 794 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। वर्ष 2021-2022 में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के एवज में 19 हजार 37 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य के रूप में दिया गया था। इनपुट सब्सिडी के रूप में अक्टूबर 2022 तक तीन किस्तों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5 हजार 235 करोड़ रुपए दिये जा चुके हैं।
साल दर साल बढ़ता गया है खेती का रकबा
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लागू होने से किसान खेती की ओर वापस लौटने लगे है। इस वर्ष 24 लाख 96 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है। इनमें 2 लाख 30 हजार नए किसान हैं। वर्ष 2017-2018 में किसानों ने 24 लाख 46 हजार हेक्टेयर रकबे में धान की फसल पंजीकृत कराई गई थी। वर्ष 2022-2023 में यह रकबा 32 लाख 16 हजार हेक्टेयर हो गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी धान खरीदी पर बधाई दी है। सीएम ने कहा- 4 सालों से लगातार धान खरीदी में प्रदेश नया रिकॉर्ड बना रहा है। छत्तीसगढ़ में किसानों की संख्या दुगनी हुई है इतना ही नहीं 22000 करोड रुपए किसानों के खाते में भी डाला गया है। छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई थी। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। सीएम ने किसानों की तारीफ की।

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