कृषि बजट 2023-24 में किसानों के लिए क्या है खास

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हलधर किसान। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश कर दिया है। बजट में सरकार ने किसानों के लिए कोई नई बड़ी योजना की शुरुआत नहीं की है, न ही किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले 6,000 रुपए में किसी प्रकार की वृद्धि की गई है।सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में प्राकृतिक खेती एवं सहकारिता को बढ़ावा देने की बात कही है।साथ ही पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना की एक नई उप-योजना की शुरुआत की जाएगी। साथ ही कृषि के लिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान किया है।

क्या खास है इस बजट में

सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करेगी और उनकी सहायता करेगी। इसके लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वितरित सूक्ष्‍म उर्वरक और कीट नाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे।
युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्‍टार्टअप्‍स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्‍थापना की जाएगी।
भारत को ‘श्री अन्‍न’ के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनाने के उद्देश्‍य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्‍थान को उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह संस्‍थान सर्वश्रेष्‍ठ कार्यप्रणालियों, अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर साझा कर सके।
कृषि ऋण के लक्ष्‍य को पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य उद्योग को ध्‍यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्‍य मछली पालकों, मत्‍स्‍य विक्रेताओं और सूक्ष्‍म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्‍य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा।
कृषि के लिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए आवश्‍यक सहयोग प्रदान करने और किसान केन्द्रित समाधान उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से तैयार किया जाएगा।
सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (पीएसीएस) के कंप्‍यूटरीकरण कार्य शुरू किया है। व्‍यापक विकेन्‍द्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को अपने उत्‍पादों का सुरक्षित भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्‍य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

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