हलधर किसान। राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ने सोयाबीन की आर.वी.एस-24 रोग प्रतिरोधी होने के साथ साथ जल्दी भी पकेगी। इसकी अन्य जानकारी जानें..
राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2017 में जारी इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ, 1007 दिनांक 30 3 2017 है।
सोयाबीन की यह एक उन्नत किस्म है। यह देश के मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है।91 से 94 दिन में पकेगी
सोयाबीन की यह किस्म लगभग मध्यम अवधि लगभग 91 से 94 दिवस में आने वाली तथा अपने मोजेक निरोधक के कारण, जो कि आज की बहुत बड़ी समस्या है व अपने उच्च उत्पादन क्षमता के कारण शीघ्र ही किसानों में अपना एक मजबूत स्थान बना लेगी।इस किस्म में लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर व लाइन से लाइन की दूरी 14 से 16 इंच रखने 4.5 से 5.5 लाख प्रति हेक्टेयर पौध संख्या रखने पर आदर्श परिणाम लगभग 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता, व्यवहारिक व किसानों से प्राप्त उत्पादन आंकड़ों के अनुसार 30 क्विंटल से अधिक उत्पादन की पुष्टि की गई है।
सोयाबीन आर.वी.एस-24 किस्म की विशेषता
प्रमुख गुण (कैरेक्टर) – दानों का आकार गोल मध्यम 100 दानों का वजन 10 से 11 ग्राम, दाने का रंग पीला चमकदार, नाभि का रंग काला, अंकुरण क्षमता लगभग 80 से 85% पौधे का प्रकार सीधा मध्यम, ऊंची किस्म, फलिया चटकने की समस्या नहीं फुल आने की अवधि 32 से 36 दिवस फूलों का रंग सफेद।
यह किस्म येलो मोजेक, कालर राट, एवं रूट राट के प्रति सहनशीलता का विशेष गुण रखती है।