बीज कानून पाठशाला:14 “बिल उपलब्ध”

beej kanun pathshala

हलधर किसान। बीज कानून पाठशाला के आज के अंक में बिल सम्बन्धित जानकारी साझा की जा रही है। आइये जानते है बीज कानून रत्न अरबी सिंह जी की कलम से-  बीज कृषि का दिल है और दिल मजबूत होने पर मनुष्य की सभी शारीरिक और मानसिक गतिविधियाँ सुचारू रूप से चलती है। इसी प्रकार चरित्रवान बीज और किसान के पसीने की बून्दों का परिणाम अच्छी फसल उत्पादकता के रूप में परिलक्षित होता है। वैज्ञानिक पद्धति से बीज उत्पादन एक कला है। बीज प्रमाणीकरण एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा फसल के दाने में उत्तम अंकुरण, भौतिक शुद्धता, अनुवांशिक शुद्धता के गुणों का समावेष कर बीज बनाया जाता है।

1. सोर्स ऑफ सीड :-

बीज प्रमाणीकरण में बीज की संतति बहुत जरूरी है किस का बीज प्रयोग किया गया है यह बीज की सोर्स से ही पुष्टि होती है और प्रमाणीकरण हेतु प्रस्तुत फार्म-1 में सोर्स ऑफ सीड की जगह बिल नम्बर एवं लॉट नम्बर भर कर कर्त्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है। कई बार फाउंडेशन या प्रमाणित बीज किसी बीज उत्पादक कम्पनी के पास नहीं होता है तो वह अन्य राज्य या राष्ट्रीय संस्थाओं से बीज प्राप्त करने का प्रयास करता है और बीज तथा बिल प्राप्त कर बिजाई कर बीज उत्पादन करता है।

2. बिल उपलब्ध है :-

कतिपय प्रमाणित बीज उत्पादक (Certified Seed Producers) बीज उत्पादक कम्पनियाँ (Primary Seed Producer) यानि किसानों को अमुक किस्म का वांच्छित श्रेणी का बीज न उपलब्ध होने के कारण उन्हें अमुक किस्म का अन्य श्रेणी का बीज दे कर बिजाई करा देता है और राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में दस्तावेजों के लिए कुछ भुगतान कर केवल बीज का बिल ले लेते हैं और फार्म -1 में अंकित कर खाना पूर्ति करते हैं। ऐसे छलिया बीज उत्पादक कम्पनियाँ बीज प्रमाणीकरण के वैज्ञानिक रूप को अपराधिक बना देती है। यह काम वे चोरी-छिपे नहीं सोशल मिडिया पर धड़ल्ले से विज्ञप्ती करते हैं “बिल चाहिए” या “बिल उपलब्ध है”।

3. प्रमाणीकरण संस्था का दायित्व :-

बीज प्रमाणीकरण को व्यापारिक पद्दति (Pattern) पर ले जाने से रोकने के लिए एवं चरित्रवान प्रमाणित बीजोत्पादन हेतु फसल निरीक्षण के समय बीज के कट्टे, टैग, लेबल एवं बिल चैक करने चाहिए। भले ही प्रमाणीकरण ऑन लाईन किया जा रहा है परन्तु सोर्स ऑफ सीड की जाँच किए CSP का उत्पादन अपराधिक होगा वैज्ञानिक नहीं। इसके अलावा जिन बीज उत्पादकों के “बिल उपलब्ध” या “बिल चाहिए” वाले विज्ञापन सोसल मिडिया में तैरते मिले उन से लिए गये सभी अन्य बीज उत्पादक संस्थाओं के लिए गये बिल के आधार पर आयोजित बीज कार्यक्रम निरस्त करने चाहिए। कुछ शातिर बीज उत्पादक मात्र बिल लेकर Source of Seed की पुष्टि कर देते हैं, यह भ्रष्ट तरीका है। Source of Seed न चैक कर बीज प्रमाणीकरण करना बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों  एवं बीज उत्पादक संस्थाओं के बीच किसी अन्य प्रयोजन से अघोषित समझोता है और बीज प्रमाणीकरण की सुचिता बनाए रखने के लिए सोर्स ऑफ सीड की जाँच आवश्यक है और ‘बिल उपलब्ध है कि प्रवृति को रोकना चाहिए।

:: लोकोक्ति::
अद्भुत है बीज का अंकुरण
स्वयं को होम कर, करता नया सृजन।

– सौजन्य से –
श्री संजय रघुवंशी, प्रदेश संगठन मंत्री, कृषि आदान विक्रेता संघ मप्र

श्री कृष्णा दुबे, अध्यक्ष, जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ इंदौर

कृष्णा दुबे

लेखक–  आर.बी. सिंह, एरिया मैनेजर (सेवा निवृत) नेशनल सीड्स कारपोरेशन लि० (भारत सरकार का संस्थान) सम्प्रति ई-70, कला निकेतन, विथिका संख्या-11, जवाहर नगर, हिसार-125001 (हरियाणा), दूरभाष सम्पर्क 94667-46625, Email: rbsinghiffdc@gmail.com

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