4 बिंदूओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए सांसद वाकचौरे ने कि निराकरण की मांग
हलधर किसान, इंदौर (श्रीकृष्णा दुबे)। कृषि इनपुट डीलरों के सामने आने वाली चुनौतियों और परिचालन संबंधी समस्याओं पर महाराष्ट्र के शिर्डी संसदीय क्षेत्र के सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे ने चिंता जताते हुए केंद्रिय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। यह पत्र सांसद वाकचौरे ने दिल्ली में आयोजित कृषि आदान विक्रेता संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान एसोसिएशन द्वारा सांसद वाकचौरे के सामने उठाई गई मांगों पर विचार कर लिखा है। सांसद वाकचौरे ने कृषि मंत्री को लिखे पत्र में चार प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला है और इन मुद्दों को जल्द से जल्द हल किए जाने की मांग की है।

कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए जिन प्रमुख मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने/ समाधान करने के लिए इन बिंदूओं पर ध्यान कराया आकृष्ट-
- भंडारण के लिए कीटनाशक लाइसेंस– वर्तमान में, प्रत्येक विक्रय पते और भंडारण पते के लिए कीटनाशक लाइसेंस की आवश्यकता अलग.अलग है। कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर एक से अधिक लाइसेंस नहीं बनवा सकता। ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि कीटनाशक लाइसेंस पर भंडारण पते जोड़े जा सकें, जैसा कि बीज और उर्वरक व्यापार में किया जा रहा है। यदि यह प्रावधान किया जाता है, तो व्यापारी एक ही लाइसेंस के तहत अपना कीटनाशक व्यवसाय चला सकेंगे।
- मृतक खुदरा विक्रेताओं के परिवार के सदस्यों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स– कीटनाशक नियम, 1971 के नियम 14 के उपनियम (1) में, केंद्र सरकार एक प्रावधान जोडऩे की योजना बना रही हैए जिसके तहत मौजूदा खुदरा विक्रेता की मृत्यु की स्थिति में, मृतक खुदरा विक्रेता का परिवार का सदस्य मृतक खुदरा विक्रेता का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की शर्त पर लाइसेंस को उसके नाम पर स्थानांतरित करने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है। इस प्रावधान के कारण विश्वविद्यालयों के लिए सदस्य (जो मुश्किल से एक या दो हो सकते हैं) को प्रशिक्षण देना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इसे एक आसान प्रक्रिया बनाने के लिए, एक नया प्रावधान बनाया जा सकता है, जिसके तहत मौजूदा लाइसेंस धारक का परिवार का सदस्य अभी ही सर्टिफिकेट कोर्स कर सकता है और लाइसेंस धारक की मृत्यु का इंतजार नहीं करना पड़ता। यह विश्वविद्यालयों के लिए भी अच्छा काम करेगा क्योंकि उन्हें बैच के लिए पर्याप्त सदस्य मिलेंगे। सदस्यों को एनआईपीएचएम के माध्यम से ऑनलाइन यह कोर्स करने और लाइसेंस के लिए आवेदन करने में भी सक्षम होना चाहिए।
- लाइसेंस में लाइसेंस धारक के साथ नामिती को जोडऩा– मौजूदा लाइसेंस/ जारी किए गए नए लाइसेंस में लाइसेंस धारक के साथ नामिती/नामितियों को जोडऩे का प्रावधान किया जा सकता है। इस प्रावधान के माध्यम से, सदस्य को अपनी पहचान और मौजूदा लाइसेंस धारक के साथ संबंध साबित करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- लाइसेंस में एक कीटनाशक अणु जोडऩे के लिए 500 रुपये का शुल्क– वर्तमान में, कीटनाशक नियम कहते हैं कि कृषि इनपुट डीलरों को अपने लाइसेंस में जोडऩे की योजना बनाने वाले प्रत्येक नए अणु (जिस अणु को वे बेचने की योजना बनाते हैं) के लिए 500 रुपये का भुगतान करना होगा। हर साल, कीटनाशक कंपनियाँ बाजार में नए अणु पेश करती हैं। इतनी सारी कंपनियाँ इतने सारे नए अणु लेकर आ रही हैं, इन अणुओं को लाइसेंस में जोडऩे के लिए इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना लाइसेंस धारकों के लिए बिल्कुल भी वहनीय नहीं है और बदले में किसानों को दी जाने वाली उनकी सेवा को प्रभावित करता है। इसके बजाय, किसी भी नए अणु को लॉन्च करने पर निर्माता से एकमुश्त शुल्क लिया जाना चाहिए। उपरोक्त परिस्थिति में, मैं इन चुनौतियों को कम करने के लिए मुद्दों की जांच कर कृषि इनपुट डीलरों की दक्षता में काफी सुधार होगा, और अंतत: बड़े कृषि समुदाय को लाभ होगा। इन बिंदूओं पर शासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इनके निराकरण से कृषि और कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई है। जागरूक कृषि आदान विक्रेता संघ जिला इंदौर के अध्यक्ष श्री कृष्णा दुबे व मध्य प्रदेश कृषि आदान विक्रेता संघ भोपाल के समस्त पदाधिकारी साथियों की ओर से भी दिल्ली में आयोजित बैठक में उठाए गए मुद्दों को कृषि आदान व्यापारियों के हित में बताते हुए एसोसिएशन के व्यापार और व्यापारियों के हित में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए संगठन पदाधिकारियों का आभार जताया है।
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