श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने अस्तित्व के 100 वर्ष से पूर्ण किए, इसे शताब्दी केंद्र का दर्जा दिया गया

Srinagar Meteorological Center completed 100 years of its existence was given the status of Centenary Centre scaled

हलधर किसान नई दिल्ली l केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जम्मू में एक क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की घोषणा की। यह पहल जम्मू और कश्मीर में मौसम संबंधी सेवाओं को मजबूत करने, क्षेत्र में आपदा तैयारी और जलवायु अनुकूलन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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भारत की वैज्ञानिक प्रगति में आईएमडी के अद्वितीय योगदान

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारत की वैज्ञानिक प्रगति में आईएमडी के अद्वितीय योगदान और मौसम संबंधी सेवाओं में वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त अग्रणी के रूप में इसके परिवर्तन की सराहना की। उन्होंने कहा कि 1875 में अपनी छोटी सी शुरुआत से, आईएमडी एक गतिशील संस्थान के रूप में विकसित होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण मौसम डेटा प्रदान करता है और कृषि, आपदा प्रबंधन, विमानन एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों को सशक्त बनाता है। इसके पूर्वानुमानों की विश्वसनीयता और सटीकता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है, जिससे नागरिक सूचित निर्णय लेने में सक्षम हुए हैं।

भौगोलिक और जलवायु चुनौतियों का समाधान

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा शताब्दी केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र के ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू में बनने वाला क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र इसकी सफलता को दोहराएगा। उन्होंने कहा कि यह नया केंद्र जम्मू क्षेत्र की अनूठी भौगोलिक और जलवायु चुनौतियों का समाधान करेगा, जिससे देश भर में सटीक और समय पर मौसम पूर्वानुमान देने के आईएमडी के मिशन में योगदान मिलेगा।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र और जम्मू विश्वविद्यालय, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) और इस्लामिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अवंतीपुरा जैसे संस्थानों के बीच आगामी समझौता ज्ञापन (एमओयू) की भी घोषणा की। ये सहयोग मौसम विज्ञान में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देंगे, जिससे मौसम विशेषज्ञों की एक नई पीढ़ी तैयार होगी।

सूचना का प्रसार

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नागरिकों के दैनिक जीवन में आईएमडी की बढ़ती प्रासंगिकता पर भी विचार व्यक्त किये। किसानों को कृषि संबंधी सलाह देने से लेकर चुनौतीपूर्ण इलाकों में तैनात विमानन और रक्षा कर्मियों के लिए मौसम संबंधी अपडेट देने तक, आईएमडी की सेवाएं अपरिहार्य हो गई हैं। विभाग के एसएमएस और व्हाट्सएप-आधारित अलर्ट अब लाखों लोगों तक पहुंचते हैं, जिससे वास्तविक समय पर सूचना का प्रसार सुनिश्चित होता है।

उन्होंने आईएमडी द्वारा अर्जित विश्वास को उजागर करने वाले किस्से भी साझा किए, जिसमें नागरिक विवाह जैसे जीवन के महत्वपूर्ण उत्सवों की योजना बनाने के लिए इसके पूर्वानुमानों पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वसनीयता आईएमडी की टीम के समर्पण और नवाचार का प्रमाण है, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का समर्थन प्राप्त है।

आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ के महोत्सव का समापन 15 जनवरी, 2025 को दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में न केवल विभाग की समृद्ध विरासत का सम्मान किया जाएगा, बल्कि भविष्य के लिए इसके रणनीतिक प्रारूप का भी अनावरण किया जाएगा।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने निष्कर्ष देते हुए कहा कि जैसा कि हम इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, हमें एक ऐसे भविष्य की दिशा में कार्य करना जारी रखना चाहिए, जहां भारत मौसम विज्ञान संबंधी विशेषज्ञता में दुनिया का नेतृत्व करे और सभी के लिए सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करे।

जम्मू के लिए क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की घोषणा को इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और विश्वसनीय मौसम सेवाओं के साथ नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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