चीन में फिर बेकाबू कोरोना के कहर से सहमी दुनिया

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भारत मे भी हालात से सबक लेने की जरूरत है, मगर घबराने की बात नहीं

हलधर किसान। टीकाकरण के बाद काफी हद तक क्क़बू मे आया कोरोना वायरस फिर डराने लगा है। 2020 में जिस चीन से इसकी शुरुआत हुई एक बार फिर इसी देश मे बेकाबू हो रहे कोरोना के कहर से दुनिया सहमी है। जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में केस लगातार बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना के केस रोज 100 के आसपास ही आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने ऐहतियाती इंतजाम शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे कोविड के हर पॉजिटिव सैंपल को रोजाना आधार पर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें। इससे पता चलेगा कि कोरोना का कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को देश में कोरोना के हालात की समीक्षा करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से कहा है कि खतरा अभी गया नहीं है। पिछले साल जून में जारी गाइडलाइंस के तहत सभी जरूरी उपाय अपनाएं। इस बीच, तीन बड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत को खतरा नहीं है। चीन के हालात से सबक लेने की जरूरत है, मगर घबराने की बात नहीं।
चीन में कोविड पाबंदियों में ढील के बाद कोरोना ने फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 95% तक इजाफा हुआ है। आलम यह है कि कोविड मरीजों के लिए बेड और हेल्थ वर्कर कम पड़ गए हैं। फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। दवाएं नहीं हैं। जिन मेडिकल स्टोर में हैं, वहां लंबी लाइनें लग रही हैं। ऑक्सिजन का संकट भी गहराने लगा है। सोशल मीडिया में सामने आ रहे विडियो में दावा किया गया है कि रोज सैकड़ों मरीज दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में शव रखने की जगह नहीं बची है। फ्यूनरल होम में अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं। यह आलम चीन के हर बड़े शहर में दिख रहा है।

जानकारों ने चेताया है कि आने वाली छुट्टियों में यह महामारी गांवों को भी गिरफ्त में ले लेगी। अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने चेताया है कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी यानी करीब 80 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है। इस दौरान दुनिया में 10% आबादी संक्रमित होने का अनुमान है। चीन में हर कस्बे-शहर में जांच केंद्रों के आगे लंबी लाइनें दिख रही हैं। राजधानी पेइचिंग में श्मशान घरों में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहा है। नाम छिपाने की शर्त पर एक फ्यूनरल होम के कर्मचारी ने कहा कि इसके बावजूद अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। कोरोना के मरीज इतने ज्यादा हैं कि सड़कों पर सन्नाटा है। स्वस्थ लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं। चीन सरकार का पूरा जोर अस्थायी अस्पतालों के निर्माण पर है।

चीन में अभी ओमीक्रोन का ही सब वैरिएंट BF.7 ज्यादा फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वैरिएंट बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन मरीज को बहुत बीमार नहीं करता। यही वजह है कि चीन में कोविड मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जब मरीजों की संख्या ज्यादा होगी तो एडमिशन रेट बढ़ना लाजिमी है।

चीन में कोरोना की डराती रफ्तार से अमेरिका भी चिंतित है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम चीन में इस प्रकोप को जल्द से जल्द काबू किए जाने की उम्मीद करते हैं। जो वायरस वहां फैल रहा है, उसमें नए रूप को जन्म देने और हर जगह के लोगों के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता है। चीन में ओमीक्रोन के BF.7 वैरिएंट ने कहर बरपाया है।

चीन में क्यों फैल रहा कोरोना?
चीन में कोविड की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। यानी एक भी मरीज न हो, इसके लिए लगातार जांच की जा रही है। वहां अभी भी मास स्क्रीनिंग हो रही है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। भारत में मेडिकल परिस्थिति और मेडिकल साइंस के अनुसार पॉलिसी चेंज होती रही, जो जरूरी भी था। वहां पर भी 80 प्रतिशत बिना लक्षण वाले ही मिल रहे हैं, लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा जांच की वजह से ज्यादा हो रही है।- डॉक्टर अंशुमान कुमार, कोविड एक्सपर्ट

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