सात पीढ़ीयों को तारने वाली नारी सम्मान की यह परंपरा  विश्व समाज के लिए बनेगी प्रेरणा

This tradition of honoring women that spans seven generations will become an inspiration for the 2

आचार्य 108 श्री विप्रणत सागर जी  श्री बावनगजाजी ट्रस्ट कमेटी ने मातृशक्ति को दिया ब्राह्मी सुंदरी संस्कार अलंकरण 

धर्म, संस्कृति, अध्यात्मक का परिचायक रहा वार्षिकोत्सव

हलधर किसान बडवानी। मध्य प्रदेश के जिला बड़वानी के सतपुड़ा की तलहटी में बसा बावनगजा इन दिनों धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और सेवा- समर्पण का केंद्र बना हुआ है। यहां विराजित 1008 श्री भगवान आदिनाथजी की 52 गज की प्रतिमा विश्व प्रसिद्ध है एवं जैन धर्मावलंबियों की अटूट आस्था का केंद्र है। यहां  28 जनवरी से दो दिवसीय वार्षिक मेले का आयोजन आचार्य श्री विप्रणत सागर जी के मंगल सानिध्य में शुरु किया गया। आचार्य श्री ने अपने आशीर्वचन में श्री बावनगजा ट्रस्ट कमेटी के इस बहुत ही पुनीत कार्य की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि आपने बहुत देर कर दी अब तक इस आयोजन का शताब्दी वर्ष हो जाना चाहिए था, पर अब कभी भूलकर भी देर ना करना और नारी सम्मान के इस आयोजन को अनवरत कमेटी के माध्यम से जारी रखना। आचार्य श्री ने कहा एक नारी पढ़ेगी तो सात पीढ़ी तरेगी। ऐसे सात पीढ़ीयों को तारने वाली नारी सम्मान की इस परंपरा के लिए वर्तमान की श्री बावनगजा ट्रस्ट कमेटी विश्व समाज के सामने प्रेरणा बनी है जिसके लिए आप सभी को बहुत मंगल आशीर्वाद देता हूं। 

 इस वार्षिक महामस्तकाभिषेक में न केवल देश बल्कि विश्वभर के समाजजनों का महाकुंभ लगा हुआ है। लगभग 1000 वर्ष के इतिहास से चली आ रही वार्षिक महामस्तकाभिषेक की परंपरा निमाड़ ही नहीं संपूर्ण देश के लिए आकर्षण एवं धर्म प्रभावना का महोत्सव रही है, यूं तो 12 वर्ष में एक बार बड़े मेले का आयोजन  होता है पर वार्षिक आयोजन भी अपना एक विशेष महत्व रखता है। 

IMG 20250130 WA0041

महिला सशक्तिकरण का फैल रहा उजाला

वार्षिक महोत्सव को लेकर जैन समाजजनों उमंग- उत्साह के साथ शामिल हुए है। प्रथम दिवस 27 जनवरी को प्रात: श्री भक्तामरजी का विधान पूजन एवं आचार्य श्रीजी की आहार चर्या के बाद जैन समाज की प्रतिभाशाली महिलाओं को जो कि अपनी मेहनत समर्पण एवं अपनी विद्वता से राष्ट्रीय स्तर पर जैन समाज का परचम फहरा रही है। उन महिलाओं को ब्राह्मी सुंदरी संस्कार अलंकरण समारोह में अलंकृत किया गया, जिससे यह मेला महिला सशक्तिकरण का उजास फैलाने वाला रहा। जैसा कि माना गया है भगवान श्री आदिनाथ ने अपने दोनों पुत्रियां ब्राह्मी एवं सुंदरी को प्रथम बार अंक एवं लिपि विद्या सिखाकर नारी समाज को विशेष सम्मानित स्थान दिया एवं विश्व समाज को नारी सम्मान की प्रेरणा दी, इसी प्रेरणा के साथ भगवान आदिनाथ जी के चरणों में समर्पित श्री बावनगजा ट्रस्ट कमेटी ने प्रथम बार अपने मंच से जैन समाज का परचम फहराने वाली जैन समाज के विभिन्न संगठनों की महिला प्रमुख को ब्राह्मी सुंदरी संस्कार अलंकरण से अलंकृत किया।

नारी शक्ति अपनी ताकत और हुनर को पहचाने

समारोह की मुख्य अतिथि भारत सरकार के नीति आयोग की सदस्य अर्चना जैन ने कहा नारी शक्ति को भीड़ से हटकर अपनी योग्यता के अनुसार अपनी ताकत और हुनर को पहचान कर एक मुकाम हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने जैन नारियों को राजनीति में अपना स्थान बनाने के लिए प्रेरित किया एवं सम्पूर्ण जैन समाज को एकता के सूत्र बंधने का निवेदन किया और अपने नाम के आगे जैन लिखने का संकल्प दिलवाया। 

प्राचीन लिपियों का करें संरक्षण  

आयोजन में सम्मानित होने वाली राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षाविद डॉक्टर संगीता विनायका ने भगवान आदिनाथ की पुत्री ब्राह्मी एवं सुंदरी को प्राप्त अंक एवं लिपि विद्या को वर्तमान की शिक्षण व्यवस्था की नींव बताकर प्राचीन लिपियों के संरक्षण की बात कही। प्रसिद्ध महिला उद्यमी समाजसेवी श्रीमती सुजाता निरंजन शाह पुणे ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कैसे संघर्षों में भी धैर्य रखकर कठिन परिश्रम के द्वारा विजयी हुआ जा सकता है और अपने परिवार और समाज में एक मिसाल कायम करी जा सकती है।

राजनेता की शक्ति समाजहित के लिए जरुरी

भारतवर्ष दिगंबर जैन खंडेलवाल महासभा के अध्यक्ष श्रीमती साधना दगडे ने बताया कि एक राजनेता के हाथ की शक्ति समाज हित के लिए आवश्यक है, इसलिए जैन नारी भी राजनीति में आगे आए और जो पहले से राजनीति में है वह समाज के लिए रोल मॉडल बने। जैन महिला संगठन की अध्यक्षता श्रीमती रेखा पतंगिया ने जैन पाठशाला का महत्व बताते हुए लौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा को ग्रहण करने पर जोर दिया। राष्ट्रीय जैन पत्रकार संघ की महामंत्री एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर प्रगति जैन ने हमारे अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया एवं उनके प्रति जागरूक होने पर जोर दिया। ग्लोबल महासभा की अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश मीडिया फाउंडेशन की महासचिव श्रीमती रुचि चोविश्या ने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए बताया जिस तरह रानी पद्मिनी ने सोनागिरी जी की सुरक्षा और व्यवस्था का दायित्व संभाला था, उसी तरह प्रत्येक जैन नारी को अपने तीर्थ क्षेत्र की व्यवस्था विकास और रक्षा में आगे आना चाहिए।

मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी जैसे बहुत ही महत्वपूर्ण पद पर आसीन प्रथम जैन महिला श्रीमती सिद्दायनी पाटनी ने खेल का जीवन में महत्व बताते उसे हुए उम्र के दायरे से दूर रखने की सलाह दी। श्रेष्ठ लेखिका प्रधान संपादिका विदुषी श्रीमती उषा पाटनी ने जैन रीति-रिवाज एवं लुप्त होती परंपराओं को जीवंत रखने एवं बाद संस्कृति से प्रभावित कुरीतियों को रोकना समाज हित में बताया, गर्भ संस्कार प्रेरक श्रीमती ममता खासगीवाल ने गर्भ में पल रहे शिशु के संस्कारों पर प्रकाश डाला।जैन एकता मंच राष्ट्रीय की राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्रीमती विनीता जी जैन दिल्ली ने ट्रस्ट कमेटी को बधाई देते हुए कहा आप का यह प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा बना है!

समाज की महिलाएं बहुमुखी योग्यता का फहरा रही परचम

ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष विनोद दोशी एवं सभी ट्रस्टी ने सपत्नी बहु प्रतिक्षित ब्राह्मी सुंदरी संस्कार अलंकरण से अतिथियों को प्रशस्ति पत्र मोमेंटो देकर आचार्य विप्रणत सागर के मंगल सानिध्य  अति उत्साह के साथ अलंकृत किया, अध्यक्ष विनोद दोशी ने कहा महिला अपने जीवन में विविध भूमिकाओं को निभाते हुए समाज धर्म एवं देश के उत्थान लिए कार्य कर अपनी बहुमुखी योग्यता प्रतिभा का परचम फहरा रही है, जिसके लिए सभी की बहुत.बहुत अनुमोदना कर अनंत बधाई दी। मुख्य अतिथि भारत सरकार नीति आयोग सदस्य श्रीमती अर्चना जैन से बावनगजाजी के चहुंतरफा विकास के लिए एवं आगामी बड़े मेले के लिए आवश्यक सुविधाओं के लिए सरकार से सहयोग की अपेक्षा रखी।

आचार्य श्री विद्यासागर जी के चित्र का अनावरण एवं द्वीप प्रज्जवलन समस्त अतिथियों ने किया एवं मंगलाचरण बावनगजा ट्रस्ट द्वारा संचालित छात्रावास के बच्चों ने किया। निमाड़ अंचल महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती सोनल आशीष गंगवाल ने स्वागत भाषण दिया। 

मेले में महिलाओं को मिला सम्मान ऐतिहासिक

अलंकरण कार्यक्रम संयोजक श्रीमती बरखा विवेक बडज़ात्या बाकानेर ने आभार प्रदर्शित करते हुए कहा कि हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि वर्तमान की श्रीं बावनगजा ट्रस्ट कमेटी ही एक ऐसी ट्रस्ट कमेटी है, जिसने प्रथम बार महिलाओं को इस बड़े मंच से सम्मानित किया। यही नहीं मुझे प्रथम महिला ट्रस्टी के रूप में नामांकित किया एवं समस्त निमाड़ एवं मालवा के स्नेह एवं विश्वास ने एकमात्र महिला ट्रस्टी बनने का सौभाग्य दिया साथ ही आपके इस ऋण को चुकाने का अवसर मुझे इस ऐतिहासिक सम्मान समारोह के संयोजन से मिला। मैं ही नहीं हम सभी यहां बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही है, कि अपनी योग्यता का राष्ट्रीय स्तर पर परचम फहराने वाली महिला शक्तियों को यहां सम्मानित किया जा रहा है। आचार्य श्री विप्रणत सागर जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आपने इस समारोह को परंपरा के रूप में अपनाने  का आवाहन किया।

शास्त्रों को सुसज्जित करने पर हुए पुरस्कृत

dd17b008 c661 4d9d 93dc aa8a32b62b0b
7c5f0889 954a 428e 990e aa3060b447ed
45afeafe 3035 41a6 b0c3 3ec97f71c97a

क्षेत्र के शास्त्र को सुसज्जित एवं व्यवस्थित करने के उद्देश्य से साथ शास्त्र सजाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इसके संयोजक श्रीमती किरण दोशी बाकानेर, श्रीमती श्वेता भुज सनावद, श्रीमती नमी पहाडिय़ा बड़वानी, श्रीमती प्रमिला गंगवाल सिंघाना एवं निर्णायक श्रीमती नमिता जैन इंदौर, श्रीमती रेखा पतंगिया इंदौर का आभार व्यक्त किया। शास्त्र सजाओ प्रतियोगिता के विजेता

प्रथम सलोनी गंगवाल सिंघाना

द्वितीय खुशबू जैन बाकी

तृतीय निधि गंगवाल सिंघाना

को पुरस्कृत किया गया एवं पार्टिसिपेंट्स को सांत्वना पुरस्कार दिये गए । 

लकी ड्रा के संयोजक श्रीमती रचना रावका मनावर, श्रीमती लेखमाला जैन सनावद, श्रीमती पारस गोधा का भी आभार प्रदर्शन किया एवं विजेता श्रीमती सरिता जैन इंदौर, श्रीमती नेहा बडज़ात्या मनावर, श्रीमती पारस गोधा बाकी, श्रीमती अचला वेद बड़वानी को बधाई दी।   समस्त निमाड़ महिला मंडल सदस्यों एवं समस्त गणमान्यजनों का आभार प्रदर्शन कर समस्त उपस्थिति बहुत ही आदरणीय अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया! संचालन श्रीमती रश्मि बकलीवाल इंदौर ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *