हलधर किसान नई दिल्ली। इस बार देश में मॉनसून के बादल जमकर बरस रहे हैं। जून में धीमी शुरुआत के बाद जुलाई में जमकर बारिश हुई है और अगस्त में भी मानसून पूरी रफ्तार में है। लगातार बारिश से जहां नदी. तालाब, बांध का जलस्तर बढ़ गया है तो वही खेतों में भी अब जलजमाव की स्थिति होने लगी है। ऐसे में एक नई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस बार मॉनसून की वापसी देर सेे हो हो सकती है। यानि बारिश इस बार न केवल सामान्य से ज्यादा हो रही है साथ ही सामान्य से ज्यादा वक्त तक चलने का भी अनुमान है। आईएमडी पहले ही कह चुका है कि मॉनसून के बाकी के दो महीने बारिश सामान्य से अधिक रह सकती है। नए रिपोर्ट के बाद आशंका बन गई है कि अगर फसल पकने के वक्त जमकर बारिश होती है तो धान सहित कई फसलों को नुकसान हो सकता है।
क्या है रिपोर्ट में अनुमान-
मौसम विभाग के दो अधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि इस साल मॉनसूनी बारिश की वापसी देरी से हो सकती है। रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सितंबर के महीने में देश में कम दबाव का सिस्टम बनने की वजह से मॉनसून तय वक्त से कुछ ज्यादा समय तक देश में बना रह सकता है। इस नए डेवलपमेंट के साथ चिंताएं भी बन गई हैं क्योंकि सितंबर के मध्य के साथ ही फसलों का पकना भी शुरू होता है। ऐसे समय में बारिश होना फसलों को खराब भी कर सकता है। अगर मध्य सितंबर में भी मॉनसून रफ्तार में बना रहता है तो इस दौरान पकने वाली धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों की फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
हालांकि दूसरी तरफ बारिश से जमीन की नमी बढ़ेगी और इसका फायदा सर्दियों में बुवाई याने रबी वाली फसलों को मिल सकता है। जिसमें गेहूं अहम है। ऐसे में नजर सितंबर की बारिश के पैटर्न पर रहेगी क्योंकि इसका खरीफ फसलों की पैदावार और अगली फसल की बुवाई दोनों पर ही असर दिखेगा। बारिश को लेकर मौसम विभाग इसी हफ्ते अपने अनुमान जारी करेगा।

कब वापस होता है मॉनसून-
भारत में मॉनसून की बारिश जून की शुरुआत के शुरू होती है जुलाई की शुरुआत तक मॉनसून पूरे भारत को कवर कर लेता है। मॉनसून की वापसी सितंबर के मध्य से शुरू होती है और अक्टूबर के मध्य तक मॉनसून का सीजन खत्म हो जाता है। इस बार आशंका है कि मॉनसून की वापसी सितंबर अंत तक खिंच सकती है। वहीं जून में मॉनसून की शुरुआत के साथ अब तक पूरे देश में बारिश सामान्य से 7 फीसदी अधिक रही है, मध्य भारत में बारिश सामान्य से 17 फीसदी अधिक रही है। हालांकि पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में बारिश सामान्य से कम रही है।
अगले हफ्ते कैसा रहेगा मौमस का हाल-
मौसम विभाग ने 4 सितंबर तक देश के विभिन्न हिस्सों में भारी से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। आईएमडी के डेली बुलेटिन के अनुसार 1 से 4 सितंबर के बीच पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा, और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी 1 से 4 सितंबर के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। कुल मिलाकर, अगले हफ्ते के अधिकांश दिनों में मध्य और उत्तर.पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
सितंबर में अधिक बारिश का अनुमान–
भारतीय मौसम विभाग ने सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। सितंबर के पहले हफ्ते तक ला नीना परिस्थितियां अनुकूल हो सकती हैं, जिससे मानसूनी बारिश में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, मानसून के दूसरे हिस्से में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
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