हवा- आंधी ने केले और खरबुजे की फसल पर बरपाया कहर,  बाकानेर में लाखों रुपए की फसल हुई चौपट

केले की फसल

हलधर किसान. बाकानेर। देशभर में इन दिनों मौसम के बदले जनजीवन के साथ ही खेती- किसानी को भी प्रभावित कर रहा है। तेज हवा- आंधी और बारिश से खेतों में खड़ी फसलें खराब हो रही है। हाल ही में  11 मई से लगातार मप्र के कई जिलों में मौसम ने आमजन के साथ किसानों के हाल बेहाल कर रखे है। मनावर जिले के बाकानेर में करीब दो दर्जन किसानों के खेत में हवा- आंधी ने केले और खरबुजे की फसल पर बरपाया कहर।

कृषक विवेक बडजात्या के करीब 6 एकड़ खेत में लगी केले और खरबूजे की फसल तेज हवां और बारिश में जमींदोज हो गई, जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इस नुकसानी में जितना कहर कुदरत ने बरपाया उतना ही, बिजली विभाग के विद्युत पोलों ने भी नुकसान पहुंचाया है।

खेत से गुजर रही विद्युत लाईन के कई पोल फसल पर गिरे, जिससे फसल चौंपट हो गई। किसान अपनी आंखों के सामने एक साल की मेहनत से तैयार हुई फसल को जमींदोज देख बदहवास है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति अन्य किसानों की भी है। किसान ने शासन सहित विद्युत विभाग से भी नुकसानी की भरपाई की मांग की है। 

कृषक बडजात्या ने बताया कि वे परंपरागत फसलों के साथ बागवानी फसलें भी करते है।  केले की फसल वर्षभर कि जाती है, जबकि खरबुजे की जनवरी माह में लगाई थी। बीजों की रोपाई कर फसल को तैयार किया था, उम्मीद थी कि तेज गर्मी पडऩे से मीठे और रसीले खरबूजे मिलेंगे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।

बीते दो महिने से लगभग हर पखवाडे में हुई बेमौसम बारिश ने सारे अरमानों परपानी फेर दिया। बीते दो दिनों से चल रही हवा- आंधी, ओलावृष्टि ने केले और खरबूजे की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। फसल खेत में चादर सी बिछ गई है। खेत में करीब 5400 केले के पौधे लगाए थे, जिसमें से 4 हजार पौधों में लगे केलों में ओलावृष्टि से दाग पड़ गए है, जिसमें उसकी मिठास में कमी आने के साथ ही सडऩ से उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। लागत भी नही निकल पाएगी। 

100 एकड़ से अधिक फसल हुई प्रभावित

मिली जानकारी अनुसार बाकानेर क्षेत्र में केले की फसल बहुतायत मात्रा में की जाती है। हवा- आंधी और ओलावृष्टि से  के करीब 10 किमी के दायरे में सौ एकड़ से अधिक रकबे में केले की फसल को नुकसान हुआ है।

केले की फसल

कृषक राजेश पटवा, अजय चौहान चरीपुरा, डोंगर सिंह चौहान, महेंद्र शरीकपुरा के  जलखेड़ा, पीपरीवन  स्थित खेतों में लगी केले की फसल का मौसम के बदलाव से  बुरा हाल है। मौसम की मार ने फसलों को बर्बाद कर दिया है। इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इसकी चिंता ने किसानों की नींद उड़ा रखी है। कृषक बडजात्या के मुताबिक उनके खेत में करीब 20 लाख रुपए से अधिक मूल्य की फसल लगभग तैयार होने की स्थिति में पहुंच गई थी, लेकिन मौसम की मार ने उनकी कमर तोड़ दी है।  

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