छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को कल से सीधी नौकरी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौंपा नियुक्ति पत्र

हलधर किसान। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को सीधे सरकारी नौकरी देने की योजना की भी शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपकर इसकी शुरूआत की।राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के 9623 युवाओं का सर्वे किया गया है। उनको सीधी नौकरी दी जाएगी। विश्व आदिवासी दिवस पर अलग-अलग आयोजनों में कुल 20 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।

मुख्यमंत्री ने कमार जनजाति के विजय कुमार नेताम को धमतरी के सहायक आयुक्त कार्यालय में सहायक ग्रेड तीन व बैगा जनजाति के राधेलाल मरकाम को राजनांदगांव जिले के भाजीडोंगरी शाला में शिक्षक के पद का नियुक्ति पत्र प्रदान किया।

राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के 9623 युवाओं का सर्वे किया गया है। उनको सीधी नौकरी दी जाएगी। विश्व आदिवासी दिवस पर अलग-अलग आयोजनों में कुल 20 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।

छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति बेहद समृद्ध है।

हमें गर्व है कि हमने अपने विविधतापूर्ण परिवेश को सँजो कर रखा है।ज्ञात हो 22 नवंबर 1952 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद वर्तमान सूरजपुर जिले के पंडोनगर गांव आए थे। इस गांव में पंडो जनजाति के लोग रहते हैं। उन्होंने गांव को गोद लेने की घोषणा की थी। बाद में अन्य अति पिछड़ी जनजातियों को भी विशेष संरक्षण दिया गया।
राज्य में पंडो, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार, अबुझमाडि़या विशेष पिछड़ी जनजातियां हैं। ये जनजातियां वर्तमान में भी आदिम संस्कृति व परंपराओं का पालन करती हैं।

दो बड़े टाइगर रिजर्व में कोर एवं बफर क्षेत्र में वन अधिकारों मान्यता

इसके साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने मंगलवार को एक बड़ी पहल की। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने राज्य के दो बड़े टाइगर रिजर्व में कोर एवं बफर क्षेत्र में वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 के तहत 10 ग्राम सभाओं के सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्रदान किए। इसमें अचानकमार टाइगर रिजर्व की 5 ग्राम सभाएं एवं सीतानदी उदंती क्षेत्र की 5 ग्राम सभाएं शामिल हैं।

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