इंसान नही गगनयान से मक्खियां पहुंचेंगी अंतरिक्ष

Flies will reach space through Gaganyaan not humans

हलधर किसान खरगोन। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में फ्रूट मक्खियों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं. यह मिशन गगनयान-1 के तहत भेजा जा रहा है. ये वही मक्खियां हैं जिन्हें हम आमतौर पर फलों और सब्जियों पर बैठते देखते हैं. इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को होने वाली समस्याओं का अध्ययन करना है.

रिपोर्ट के मुताबिक इन मक्खियों के 75 प्रतिशत जीन ऐसे होते हैं, जो इंसानों की बीमारियों की वजह बन सकते हैं. इनका उत्सर्जन तंत्र भी काफी हद तक इंसानों जैसा होता है. अगर इन मक्खियों को अंतरिक्ष में किडनी स्टोन या अन्य कोई जैसी समस्या होती है तो इससे अंतरिक्ष यात्रियों में होने वाले समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी.

कैसे किया जाएगा अध्ययन

मक्खियों को कई शीशियों में रखा जाएगा, और अंतरिक्ष में उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी. इन्हें दो समूहों में बांटा जाएगा – एक समूह अंतरिक्ष में जाएगा. दूसरा समूह पृथ्वी पर रहेगा. इससे दोनों समूहों के बीच के शारीरिक और जेनेटिक बदलावों का अध्ययन किया जाएगा. वैज्ञानिक इन मक्खियों पर SIRT1 जीन का अध्ययन करेंगे. जो शरीर की बुढ़ापे की प्रक्रिया, मेटाबॉलिज्म और तनाव को नियंत्रित करता है. मक्खियों का जीवनकाल 5 से 60 दिन का होता है. इस अवधि के भीतर यह मिशन पूरा किया जाएगा. 

परियोजना पर काम कर रही वैज्ञानिक जुली अदारकर के अनुसार हम गगनयान जैसे छोटे मिशनों में जैविक प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जा सके.”

वहीं प्रमुख वैज्ञानिक उल्लास कोल्थुर ने कहा, “हम यह जांचेंगे कि SIRT1 जीन के स्तर को बदलकर क्या अंतरिक्ष यात्रा के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है. इससे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नई दवाओं और भोजन संबंधी चीजों को और बेहतर कर सकते हैं.”

गगनयान मिशन कब होगा

रिपोर्ट के मुताबिक गगनयान मिशन के तहत 2025 में पहली मानवरहित उड़ान होगी. इसके बाद एक और परीक्षण उड़ान होगी. और फिर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा. यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक बड़ा कदम साबित होगा. अंतरिक्ष में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मददगार साबित होगा. 

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