भिंड प्रभारी उप संचालक कृषि शर्मा को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

भिंड प्रभारी उप संचालक कृषि शर्मा को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

मामला: खाद व्यापारी की अवैधानिक तरीके से दुकान एवं गोदाम सील करने का

हलधर किसान भिण्ड। जिले के प्रभारी उप संचालक कृषि रामसुजान शर्मा की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। अवैधानिक तरीके से कार्यवाही करते हुए दुकान शील्ड एवं गोदाम सील करने के खिलाफ कृषि आदान व्यापारी द्वारा दायर कि गई याचिका पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय खंण्डपीठ ग्वालियर के न्यायाधीश श्रीमान अहलूवालिया ने रामसुजान शर्मा को नोटिस जारी कर तलब किया है। उल्लेखनीय है कि इसके शर्मा पर विभागीय घोटाले के मामले में भी कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

मिली जानकारी अनुसार उप संचालक कृषि शर्मा ने 1 दिसंबर को मेंहगांव में खाद वीज व्यापारी हरीशंकर शिवहरे की दुकान पर  कार्यवाही करते हुए दुकान एवं गोदाम सील करने के साथ ही एफआईआरदर्ज कराने की कार्रवाई की थी। इस मामले में व्यापारी शिवहरे ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कि थी, जिस पर खंण्डपीठ ग्वालियर के न्यायाधीश श्रीमान अहलूवालिया ने अदालत में रामसुजान शर्मा को नोटिस जारी करने के साथ-साथ सचिब किसान कल्याण भोपाल, संचालक किसान कल्याण भोपाल, संयुक्त संचालक कृषि मुरैना, उर्वरक पंजीयन अधिकारी भिण्ड, कलेक्टर जिला भिण्ड संजीव श्रीवास्तव, रामसुजान शर्मा प्रभारी उप संचालक कृषि भिण्ड, संजीब कुमार चतुर्वेदी प्रभारी निरीक्षक, एसएडीओ बिकासखंण्ड मेंहगांव को की गयी अवैधानिक कार्यवाही के लिये नोटिस जारी कर चार हफ्तों में उपस्थित होकर जबाव देने हेतु निर्देशित किया  है।

खाद वीज व्यापारी 

हरीशंकर शिवहरे ने अपनी शिकायत में बताया कि शर्मा द्वारा पिछले एक बर्ष से प्रताडि़त कर उन्हें खाद बीज का व्यापार करने नहीं दिया जा रहा है।  अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिये कूटरचित तरीके से दो बार पुलिस में एफआईआर एवं दो बार खाद एवं वीज के लायर्सेन्स को निलंम्बित किया गया। शर्मा की प्रताडऩा एवं इनके द्वारा की जा रही अवैधानिक वसूली एवं अवैधानिक कार्यवाही के बिरुद्ध प्रोपराइटर हरीशंकर शिवहरे द्वारा कलेक्टर भिण्ड से लेकर बिभाग के प्रदेश स्तजर के आलाअधिकारियों को अनेकों बार प्रार्थना पत्र दिया गया मगर कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

कोर्ट ने लायसेंस निरस्ती आदेश किया था खारिज

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व्यापारी शिवहरे से मिली जानकारी अनुसार:- 

गत वर्ष भी रामसुजान शर्मा ने कलेक्टर भिण्ड के नाम का प्रभाव दिखाकर कूटरचित तरीके से पुलिस में एफआईआर एवं खाद के थोक एवं फुटकर लायसेन्स निलंम्बित एवं निरस्त किये गये थे, जिसके विरूद्ध याचिकाउच्च न्यायालय खंण्डपीठ ग्वालियर में दायर की थी। जिस पर न्यायालय में शर्मा के द्वारा लायसेंन्स निरस्ती के आदेश को खारिज कर दिया गया था, और   एफआईआर के विरूद्ध दायर याचिका पर सुनवाई जारी है। इसी से बौखलाकर रामसुजान शर्मा द्वारा याचिका वापिस लेने हेतु दबाव बनाया जा रहा था।

याचिका वापस लेने की थी कार्रवाई:-

व्यापारी ने आरोप लगाया कि 1.12.24 को कूटरचित तरीके से षडयंत्र कर एफसीओ 1985 के प्रावधानों का उलंघन कर बिना निरीक्षक के अवैधानिक तरीके से खाद-बीज कीटनाशक की दुकान एवं गोदामों को शील्ड कर अवैधानिक कार्यवाही की गयी है तथा 4.12.24 को अपने विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेज तैयार कर झूठी एफआईआर की गयी थी।   

गमन मामले में भी जारी हुआ है नोटिस:-

मिली जानकारी अनुसार शर्मा पर कर्मचारियों के ऐरियर घोटाले व अन्य अनियमिता, कपटपूर्ण भुगतान के लिये केश एवं लेखा की जांच रिपोर्ट में करीब 58 लाख रुपए गमन के आरोप भी है। इस मामले में समाजसेविका एवं नेत्री श्रीमती रजनी श्रीवास्तव ने उच्च न्यायालय खंण्डपीठ ग्वालियर में याचिका दायर की थी, दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय खंण्डपीठ ने रामसुजान शर्मा के उक्त गम्भीर कृत्य के लिये नोटिस जारी करने के साथ ही अभी तक शर्मा के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही नहीं होने से इनके सचिव किसान कल्याण भोपाल, लोकायुक्त संगठन भोपाल, संचालक केश एवं लेखाकृषि भोपाल, संचालक किसान कल्याण भोपाल, संयुक्त संचालक कृषि मुरैना एवं कलेक्टर जिला भिण्ड को भी नोटिस जारी करते हुये चार हफ्तों में जबाव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है।

रिपोर्टर – कांतिलाल कर्मा

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